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ये संकेत मिलें तो समझ लीजिए करीब है मौत

स्कंद पुराण में भगवान कार्तिकेय ने मृत्यु के संकेतों का वर्णन किया है।

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आगरा

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suchita mishra

Mar 08, 2019

swarg

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मृत्यु एक कड़वा सच है, जिसका सामना हर शख्स को करना ही पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि करीब तीन साल पहले व्यक्ति को उसकी मृत्यु का संकेत मिल जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि स्कंद पुराण के काशी खंड में मृत्यु से संबंधित संकेतों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें अगस्तजी जब भगवान कार्तिकेय से पूछते हैं कि क्या व्यक्ति अपनी मृत्यु के आने की सूचना स्वयं प्राप्त कर सकता है? इस पर भगवान कार्तिकेय उन्हें मृत्यु के संकेतों के बारे में तमाम बातें कहते हैं। जानिए क्या?

नासिका द्वारा मिलता है संकेत
कार्तिकेय भगवान कहते हैं कि मृत्यु से पूर्व नासिका द्वारा एक संकेत मिलता है। जिस व्यक्ति की दाहिनी नासिका में एक पूरे दिन और रातभर अखंड रूप से वायु का संचार होता रहता है, उस व्यक्ति की आयु तीन साल में समाप्त हो जाती है। लेकिन जिस व्यक्ति की नाक का दक्षिणी सुर दिन लगातार दो या तीन दिन तक चलता रहता है, उसकी जीवन लीला एक वर्ष के भीतर समाप्त हो जाती है।

ये संकेत मिले तो तीन दिनों में हो जाती है मृत्यु
यदि किसी व्यक्ति की नासिका के दोनों सुर निरंतर श्वास ऊर्जा से एक साथ 10 दिन तक चलते रहें, ऐसे व्यक्ति की आयु तीन दिन में समाप्त हो जाती है। यदि दोनों नासिका छिद्रों से श्वास का प्रवाह समाप्त हो जाए और मुख से श्वास लेना पड़े तो ऐसे व्यक्ति की आयु एक ही दिन शेष रहती है।

ये शारीरिक लक्षण भी बताते हैं मृत्यु के बारे में
यदि किसी व्यक्ति का मल-मूत्र और वीर्य अथवा मल-मूत्र और छींक एक साथ आते हैं तो उस व्यक्ति की आयु मात्र एक साल शेष है। जिसे अचानक इंद्रनीलमणि के समान रंगवाले नांगों का झुंड आकाश में इधर-उधर फैला हुआ दिखाई दे, उसकी मृत्यु मात्र 6 महीने के भीतर हो जाती है। जिन्हें लगे सब उल्टा-पुल्टा, नीला और पीला रंग विपरीत रूपों में दिखाई देने लगे यानी नीला रंग पीला दिखे और पीला रंग नीला दिखे। साथ ही रसों का स्वाद भी उल्टा अनुभव हो यानी खट्टी चीजें कड़वी और कड़वी चीजें खट्टी लगें। ऐसे लोगों की मृत्यु 6 महीनों के भीतर हो जाती है।

ये भी लक्षण देते हैं संकेत
जिन लोगों का वीर्य, नाखून और नेत्रों के कोने काले या नीले रंग के हो जाएं, ऐसे लोगों की जीवन यात्रा छठवें महीने में समाप्त हो जाती है। नहाने के तुरंत बाद बिना पानी पोंछे, जिन लोगों का सीना शीघ्र सूख जाता हो और हाथ पैर का पानी भी जल्दी सूख जाता हो, ऐसे लोगों का जीवन मात्र तीन महीने शेष होता है। जिस व्यक्ति को जल, घी और दर्पण में अपने प्रतिबिंब का मस्तक नहीं दिखाई देता है वह व्यक्ति और जिस व्यक्ति की वाणी स्पष्ट न निकले, रात में इंद्रधनुष दिखाई दे, दो चंद्रमा और दो सूर्य दिखाई दें। ऐसे लोगों की मृत्यु एक महीने में हो जाती है।