
demo picture
आगरा। सरकार ने भांग, देशी और विदेशी शराब के लिए सरकारी ठेके एलॉज किए। लेकिन, युवा महज दो रुपये में बिना किसी परेशानी के अपना नशा पूरा कर रहे हैं। पढ़ाई और जॉब की समस्या से परेशान युवा हितकारी की पुड़िया ले रहे हैं। हितकारी का सेवन करने वाले परेशान युवा एक और समस्या की जद में जकड़ते जा रहे हैं। इससे पहले भी टीनएर्जस के कभी आॅयोडेक्स तो कभी स्प्रिट, पेट्रोल, थिनर, इंक रिमूवर से तनाव और नशे का शौक पूरा करते थे। हितकारी की पुड़िया का नशा उन्हें धीमे जहर की ओर धकेल रहा है। शहर में किसी भी दुकान पर आसानी से मिलने वाली छोटी पुड़िया बड़ा नुकसान पहुंचा रही है।
आसानी से दुकानों पर मिलती है हितकारी
महज दो रुपये में शराब से भी सस्ता नशा युवाओं को खोखला कर रहा है। शहर की दुकानों पर बिकने वाली हितकारी की पुड़िया युवाओं को नशे की गर्त में धकेल रही है। इसके नशे के आदी युवा पढ़ाई में कमजोर हो रहे हैं, जॉब नहीं मिल रही है तो समाज से भी दूरी बनाते देखे जा सकते हैं। ऐसे कई मामले देखे जा सकते हैंं।
आखिर क्यों करते हैं सेवन
इस संबंध में पत्रिका टीम ने बात की मानसिक आरोग्यशाला के चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ मनोरोग डॉ.दिनेश राठौड़ से। डॉ.दिनेश राठौड़ ने बताया कि जब युवाओं में तनाव अधिक होता हैं तो वे नशे का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। कई युवा पैसों की तंगी से जूझ रहे होते हैं तो वे गांजा और भांग खाते हैं। आजकल बाजार में सबसे सस्ता नशे के तौर पर हितकारी की पुड़िया भी मिलने लगी है। मानसिक आरोग्य शाला में हितकारी का सेवन करने वाला उपचार बड़ी संख्या में किया जा रहा है। डॉ.दिनेश राठौड़ का कहना है कि जब तनाव अधिक होता है, धैर्य की कमी होती है, ऐसे लोग नशे की जद में आते हैं। नशा करने के बाद व्यक्ति का दिमाग सुन्न हो जाता है। सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है।
टीनएर्जस के लिए खतरनाक है हितकारी
टीनएर्जस के लिए हितकारी बहुत ही खतरनाक नशा है। इस पुड़िया में भांग होती है। कई युवा और बच्चे पांच से छह पुड़िया खाते हैंं। वैसे भांग की बिक्री के लिए राज्य सरकार से लाइलेंस लेना होता है। लेकिन, हितकारी खुलेआम बिक रही हैं। युवा पहले हितकारी को चूरन समझकर खा रहे हैं। जब तक वे जानेंगे कि क्या खा रहे हैं, तब तक वे इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। बच्चों की शैक्षिक क्षमता गिर जाती है। पढ़ाई लिखाई बिगड़ जाती है। दिमाग पृथक हो जाता है। सामाजिक संबंधों से दूर भागने लगते हैं। कई युवाओं में शारीरिक विकार आ जाते हैं। कुछ लोग अवसाद में चले जाते हैं। तो कुछ लोगों की सेक्स समस्या बढ़ जाती हैं।
पर्यटक भी हुए हितकारी का शिकार
ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक भी हितकारी के दीवाने हैं। पिछले दो तीन साल में अमेरिका, नाइजीरिया के मरीज शहर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे। जब जांच की गई तो पता चला कि ये भांग और हितकारी के नशे में भर्ती हुए थे। एक विदेशी महिला पर्यटक भांग के नशे में हाल ही में भर्ती हुई थी, जिसको उपचार और काउंसिलिंग दी गई। चिकित्सकों का कहना है कि भांग का नशा लंबे समय तक रहता है।
Published on:
27 Jun 2018 11:56 am
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
