
आगरा। ग्रेटर नोएडा से आगरा के लिए यमुना एक्सप्रेस Yamuna expressway के जरिए 165 किलो मीटर की दूरी जानलेवा हो गई है। लगातार हादसे हो रहे हैं। एक के बाद एक हादसे यमुना एक्सप्रेस वे के जरिए लोगों को यात्रा करने से डराता है। आगरा में हुए यूपी रोडवेज बस हादसे ने तो पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस हादेस में 29 लोगों की मौत हुई है वहीं 23 लोग घायल हुए हैं। इस भयावह हादसे के बाद जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार तक यमुना एक्सप्रेस वे Yamuna Expressway की असुरक्षित यात्रा को लेकर चिंतित है। फिलहाल जांच आगरा मंडालायुक्त, आईजी जोन और यूपीएसरसीटीसी के एमडी की तीन सदस्यी जांच समिति गठित कर दी है। यह जांच समित 24 घंटे में हादसों के कारण और बचाव संबधी रिपोर्ट सौंपेगी। मगर बीते छह माह के हादसों और मरने वालों की संख्या पर गौर करें तो यह आंकड़ा डराने वाला है।
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परिवहन निदेशालय के आंकड़े पर गौर करें तो आगरा से ग्रेटर नोएडा के बीच इस साल के छाह माह यानि जनवरी से जून के बीच यमुना एक्सप्रेस वे पर कुल 95 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 94 लोगों मौत हो चुकी है वहीं 120 से अधिक लोग घायल हुए। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस आंकड़े में आगरा बस हादसे की ही अकेली संख्या जोड़ दी जाए तो मरने वालों की संख्या 123 पहुंच जाती है।
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आगरा से ग्रेटर नोएडा के 165 किलो मीटर लंबी दूरी पर सबसे खतरनाक पॉइंट की बात करें तो मथुरा जनपद इस मामले में सबसे आगे है। आगरा से ग्रेटर नोएडा की दूरी के बीच सबसे अधिक हादसे मथुरा जनपद की सीमा में हुए है। अकेले मथुरा जनपद की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में ही 55 हादसे हो चुके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर गौतमबुद्ध नगर आता है, इस क्षेत्र में 25 हादसे हुए हैं वहीं जनवरी से जून के बीच आगरा में 9 हादसे हो चुके हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब इन हादसों पर चिंता जताई गई है इससे पहले भी कई बार युमना एक्सप्रेस वे पर हादसों के कारणों पर बहस हुई लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला। हरा बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, ओवर स्पीड और नींद की झपकी आना हादसों की वजह सामने आई। कैमरे की निगरानी भी ओवर स्पीड पर ब्रेक नहीं लगा पा रही। चालान से भी लोग बेपरवाह हैं और हादसे दर हादसे होते जा रहे हैं।
Updated on:
08 Jul 2019 09:41 pm
Published on:
08 Jul 2019 09:36 pm
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