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गंगाजल प्रोजेक्ट का 95 फीसद कार्य पूरा, पांच फीसद काम पूरा कराने के लिए छूट रहे पसीने

सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी के चेयरमैन ईवी जय कृष्णन से मिले भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय।

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आगरा

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Dhirendra yadav

Apr 26, 2018

BJP MLA Yogendra Upadhyaya

BJP MLA Yogendra Upadhyaya

आगरा। गंगाजल प्रोजेक्ट का 95 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। पांच फीसद कार्य में कुछ रुकावटें आ रही हैं, जिनके समाधान के लिए विधायक योगेन्द्र उपाध्याय जुटे हुए हैं। इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी को दूर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी के चेयरमैन ईवी जय कृष्णन से दिल्ली जाकर प्रतिवेदन दिया। इस प्रोजेक्ट के रास्तें में आने वाली सबसे बड़ी रुकावट टीटीजेड एरिया में 234 वृक्षों को काटने के लिए कार्यदायी संस्था को सर्वोच्च न्यायालय से मिलने वाली अनमुमति में हो रहे विलम्ब से प्रोजेक्ट के प्रभावित होने की परिस्थितियों वे अवगत कराते हुए आगरा की जनता के हित में उनसे सहयोग की अपेक्षा की।

ये हुई चर्चा
विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि उनसे सकारात्मक चर्चा हुई। इससे प्रतीत हो रहा है कि यह अवरोध शीघ्र ही दूर हो जाएगा। उन्होने बताया कि गंगाजल प्रोजेक्ट के पूर्ण होने में सबसे बड़ा अवरोध प्रोजेक्ट हेतु डलने वाली 130 किमी की भूमिगत पाइप लाइन के एलाईनमेंट में टीटीजेड एरिया में 234 वृक्षों को काटना एक चुनौती बुन गया है और सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर सीईसी के स्थलीय निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिसके लिए अभी कुछ दिन पूर्व ही चेयरमैन ईवी जयकृष्ण्न सहित पूरी कमेटी ने आगरा मथुरा आकर स्थल निरीक्षण किया था। अब उन्हें आगामी 30 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट का प्रस्तुत करनी है।


ये बोले विधायक
भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने सीईसी के चेयरमैन को अवगत कराया कि आगरा की विकराल पेयजल समस्या निदान की गंगाजल परियोजना में पालड़ा बुलंदशहर से आगरा तक 130 किमी पाईप लाइन डलवानी है। तथा पूरी परियोजना लगभग 2800 करोड़ रुपये की है। लगभग 95 फीसद कार्य पूर्ण हो चुका है और इस पर लगभग 2100 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। किंतु टीटीजेड ऐरिया में 234 वृक्ष के काटने की सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति न मिलने की प्रक्रिया पूरी न होने से आगरा की जनता की प्यास बुझने में सबसे बड़ा अवरोध बना है।

ये दिया तर्क
भाजपा विधायक ने उन्हें अवगत करया कि परियोजना हेतु डाली जाने वाली पाईप लाइन के एलाईनमेंट में मथुरा आगरा के मध्य पालड़ा से 86 किमी दूरी पर फोरेस्ट नर्सरी की भूमि पर और 89 किमी दूरी पर सिंचाई विभाग की भूमि तथा 120 से 130 किमी दूरी पर कुछ गांवों कें कुछ खेतों में लगभग 234 वृक्षों को काटने की अनुमति पिछले नवम्बर 2017 से पेडिंग पड़ी है। अब अनुमति की औपरचारिकताएं पूर्ण होने में एक लम्बा समय लग गया है। इसी के लिए सीईसी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने मांगी हे। इसलिए जनहित में कमेटी की रिपोर्ट अनुकूल जाना अति महत्वपूर्ण हो गया है।