इस ऊंचाई पर बाइक पहुंचाने वाली पहली महिला
आगरा की पल्लवी फौजदार एक आइडियल बन चुकी हैं। उनके नाम एेसी-एेसी उपलब्धियां हैं जिन्हें जानकर आप भी चौंक जाएंगे। वह देश की पहली एेसी महिला बाइकर हैं, जिन्होंने बाइक से 18 हजार फीट की ऊंचाई तक का सफर पूरा कर दो बार लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज कराया है। पूर्व में प्रदेश सरकार ने उन्हें लखनऊ में कार्यक्रम आयोजित कर ग्लोबल वूमन आॅफ यूपी का सम्मान दिया है।
आर्मी में हैं पति
आगरा की रहने वाली पल्लवी फौजदार के पति इंडियन आर्मी में मेजर हैं। उनके दो बच्चे भी हैं। इन सब के बावजूद भी पल्लवी 18,497 फीट की ऊंचाई तक बाइक ले जाने वाली देश की पहली महिला हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स में दर्ज हो चुका है। पल्लवी ने बताया कि उन्हें बाइक चलाने का जुनून बचपन से ही है। वह आम जिंदगी में भी लंबी दूरी का सफर बाइक से ही करना पसंद करती हैं। उन्हें कभी भी किसी ने बाइक चलाने से मना नहीं किया, बल्कि सभी ने उनका हौंसला बढ़ाया। जिस कारण उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुर्इ है।
आगरा की रहने वाली पल्लवी फौजदार के पति इंडियन आर्मी में मेजर हैं। उनके दो बच्चे भी हैं। इन सब के बावजूद भी पल्लवी 18,497 फीट की ऊंचाई तक बाइक ले जाने वाली देश की पहली महिला हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स में दर्ज हो चुका है। पल्लवी ने बताया कि उन्हें बाइक चलाने का जुनून बचपन से ही है। वह आम जिंदगी में भी लंबी दूरी का सफर बाइक से ही करना पसंद करती हैं। उन्हें कभी भी किसी ने बाइक चलाने से मना नहीं किया, बल्कि सभी ने उनका हौंसला बढ़ाया। जिस कारण उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुर्इ है।
दुर्गम रास्तों पर चलार्इ बाइक
पल्लवी ने बताया कि एडवेंचर बाइकिंग की शुरुआत 20 सितंबर 2015 को दिल्ली के इंडिया गेट से की थी। वे पहले बद्रीनाथ गर्इ आैर फिर वहां से एक किलोमीटर दूर देश का आखिरी गांव मना पहुंची। गांव से 55 किलोमीटर आगे मना पास पड़ता है, यहां पूरा कच्चा रास्ता है, पल्लवी ने यह दूरी छह घंटे में तय की। वे दुर्गम रास्ते पर अपनी बाइक से चलती हुर्इ सबसे ऊंची लेह-लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों तक पहुंची और 24 सितंबर को मना पास में अपने पैर जमा लिए। करीब एक सप्ताह के बाद 27 सितंबर को वापस दिल्ली लौट आर्इं।
पल्लवी ने बताया कि एडवेंचर बाइकिंग की शुरुआत 20 सितंबर 2015 को दिल्ली के इंडिया गेट से की थी। वे पहले बद्रीनाथ गर्इ आैर फिर वहां से एक किलोमीटर दूर देश का आखिरी गांव मना पहुंची। गांव से 55 किलोमीटर आगे मना पास पड़ता है, यहां पूरा कच्चा रास्ता है, पल्लवी ने यह दूरी छह घंटे में तय की। वे दुर्गम रास्ते पर अपनी बाइक से चलती हुर्इ सबसे ऊंची लेह-लद्दाख के काक संगला की पहाड़ियों तक पहुंची और 24 सितंबर को मना पास में अपने पैर जमा लिए। करीब एक सप्ताह के बाद 27 सितंबर को वापस दिल्ली लौट आर्इं।