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अहमदाबाद: डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

-उगते हुए सूर्य को आज देंगे अर्घ्य, शहर में कई जगहों पर मनाया गया छठ पर्व

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लोक आस्था के महापर्व छठ के तहत गुरुवार को व्रतधारियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। शहर के साथ-साथ राज्य में वडोदरा, सूरत, राजकोट व अन्य शहरों में रहने वाले बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश मूल के लोगों की ओर से हर्ष उल्लास के साथ छठ पर्व मनाया जा रहा है।

अहमदाबाद शहर में इंदिरा ब्रिज के नीचे, नंदीग्राम, कैम्प हनुमान, वटवा, हाथीजन, मेघाणीनगर, रिवरफ्रंट, नाना चिलोडा , चांदखेड़ा, गोदरेज गार्डन सिटी, अमराईवाड़ी, ईसनपुर, गांधीनगर सहित कई जगहों पर व्रतियों ने भगवान भास्कर की पूजा की। शुक्रवार सुबह नदियों के घाटों और तालाबों पर उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही यह कठिन व्रत और पर्व पूर्ण होगा।

छठ महापर्व समन्वय ट्रस्ट, हिंदी भाषी महासंघ, मां जानकी सेवा समिति और छठ महापर्व आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में साबरमती नदी के तट पर इंदिरा ब्रिज के नीचे छठ घाट पर गुरुवार को सांध्य कालीन अर्घ्य में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल उपस्थित रहे।मंडन भारती सेवा ट्रस्ट चांदखेड़ा की ओर से भी न्यू सी जी रोड में एएमसी प्लॉट में छठ पर्व मनाया जा रहा है। इसके तहत गुरुवार शाम को सांध्यकालीन अर्घ्य दिया गया।

उत्तर भारतीय विकास परिषद की ओर से वटवा के बंदरवाब तालाब में छठ पर्व का आयोजन किया गया, जहां डूबते सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य दिया। अमराईवाड़ी, मेघाणीनगर, सत्यमनगर, बोपल, वाडज, साबरमती, बापूनगर, सरदारनगर भद्रेश्वर, नरोडा, नारोल जैसे इलाकों में कई लोगों ने घरों में टब में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया।

गोदरेज गार्डन सिटी में भी धूमधाम से मनाई गई छठ पूजा

अहमदाबाद-गोदरेज गार्डन सिटी में इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन श्रद्धा के साथ किया गया। गोदरेज गार्डन सिटी एवं नजदीकी इलाकों के श्रद्धालुओं के संग गुजरात के पूर्व डीजीपी के के ओझा, मालवीय मिशन के प्रदेश अध्यक्ष रणजीत झा, जीजीसी यूथ क्लब के अध्यक्ष प्रदीप झा सहित ने उत्साह और उमंग के साथ व्रत, सूर्य अर्घ्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना की। पूजा के दौरान लोगों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर प्रसाद का आदान-प्रदान किया और छठी मैया से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। पूजा के लिए तैयार किए गए घाटों पर सजावट और भक्ति के माहौल ने सभी को आध्यात्मिकता से जोड़ दिया।