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अहमदाबाद

Ahmedabad: डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

-सीबीआई अधिकारी बन डराया , धमकाया, 1.30 करोड़ ऑनलाइन ठगे, ईडी, सुप्रीमकोर्ट के फर्जी लेटर व ऑर्डर का उपयोग

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Ahmedabad. लोगों को वीडियो कॉल कर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहकर करोड़ों रुपए ठगने वाले एक और गिरोह का अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने पर्दाफाश किया है। गिरोह से जुड़े छह आरोपियों को पकड़ा है। इसमें से ज्यादातर फिलहाल अहमदाबाद में रह रहे हैं। मूलरूप से भावनगर और बनासकांठा जिले के रहने वाले हैं।

पकड़े गए आरोपियों में अहमदाबाद सीटीएम के पास रहने वाला मूलरूप से भावनगर निवासी निशांत राठौड़ (43), सीटीएम निवासी यश उर्फ यूयू पटेल (25), बनासकांठा जिले की वाव तहसील के भायली गांव हाल नरोडा निवासी कुलदीप जोशी (20), बनासकांठा जिले की धानेरा तहसील के मालोतरा गांव हाल नरोडा निवासी हितेश चौधरी (26), बनासकांठा जिले की थराद तहसील के शेडला गांव हाल नरोडा निवासी सिद्धराज चौहान (22) तथा बनासकांठा जिले की धानेरा तहसील के धाखा गांव निवासी जगदीश चौधरी (27) शामिल हैं।साइबर क्राइम ब्रांच के तहत पीडि़त व्यक्ति ने साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि उन्हें 31 मई से 6 जून के दौरान एक अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया। उसके बाद वीडियो कॉल आया, जिसमें सामने वाला व्यक्ति पुलिस यूनिफॉर्म में था। उसने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए बात की।दो करोड़ की ब्लैक मनी है कहकर, 1.33 करोड़ कराए ट्रांसफर

आरोपियों ने शिकायतकर्ता से कहा कि उसके बैंक खाते में दो करोड़ रुपए की ब्लैक मनी है। इस संबंध में बातचीत करनी है और जांच करनी है। उसके बाद उसे डिजिटल अरेस्ट किया है, ऐसा कहते हुए गिरफ्तार करने का डर बताते हुए 1.33 करोड़ रुपए आरटीजीएस से ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। शिकायतकर्ता को डराने के लिए उसे सुप्रीमकोर्ट बार एसोसिएशन के सिक्के वाला लेटर भेजा, उसमें जज गोसांई का नाम था, इसके अलावा मुंबई ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर नीरज कुमार के नाम के सिक्के वाला एक और लेटर भेजा, गिरफ्तारी वारंट भी भेजा।

वस्त्रापुर की एक बैंक में खुलवाया खाताजांच में सामने आया कि आरोपी यश पटेल के कहने पर निशांत राठौड़ ने वस्त्रापुर गुरुकुल रोड पर स्थित बंधन बैंक में करंट अकाउंट खुलवाया। नया सिमकार्ड लिया, उसे बैंक खाते से लिंक कराने के बाद वह यश पटेल को दे दिया। यश ने इस बैंक अकाउंट और सिमकार्ड की जानकारी कमीशन लेकर किसी मित्र को दी। निशांत की ओर से खुलवाए बैंक अकाउंट को ऑपरेट करने के लिए सिद्धराज और कुलदीप को भी जानकारी दी। हितेश ने फोन में जानकारी चेक की और बात में जगदीश को दी। जगदीश ने अन्य देश में बैठे किसी व्यक्ति को यह जानकारी दी, जिसके आधार पर इस बैंक अकाउंट का उपयोग डिजिटल अरेस्ट कर की गई 1.33 करोड़ की ठगी के मामले में किया गया।दो आरोपियों की पहले हो चुकी गिरफ्तारी

जांच में पता चला कि यश पटेल और निशांत की साइबर ठगी के मामले में पहले भी गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों के विरुद्ध वडोदरा साइबर क्राइम ब्रांच में फरवरी 2025 में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में दोनों को पकड़ा था, ये फिलहाल जमानत पर हैं।