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Ahmedabad: अवैध दस्तावेज बनवाने के आरोप में बांग्लादेशी समेत दो गिरफ्तार

भारत की नागरिकता दिलाने के लिए तैयार करवाए जाते थे दस्तावेज, एटीएस की कार्रवाई

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File photo

आतंकी निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने अवैध दस्तावेज तैयार करने के आरोप में एक बांग्लादेशी नागरिक समेत दो को गिरफ्तार किया है। आरोपी बांग्लादेशी नागरिक राणा सरकार उर्फ मोहम्मद दिदारुल आलम ने अपने दस्तावेज बनाने के साथ-साथ घुसपैठ कर आने वाले अन्य बांग्लादेशी नागरिकों के भी दस्तावेज तैयार करवाने में मदद की।पहलगाम आतंकी हमले के बाद शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस बीच एटीएस के पुलिस निरीक्षक वी एन वाघेला को सूचना मिली थी कि मूल बांग्लादेशी राणा सरकार शहर के नारोल इलाके में रह रहा है, जो बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध करवाता था।

राजस्थान में नवलगढ़ मूल के शोएब पर मदद का आरोप

एटीएस के अनुसार आरोपी ने फर्जी पहचान पत्र के माध्यम से अपना भारतीय पासपोर्ट भी तैयार करवाया है। नारोल में ही अल कुरैशी इंटरप्राइज नामक दुकान चलाने वाले व मूल रूप से राजस्थान के नवलगढ़ निवासी शोएब कुरैशी भी उसकी मदद कर रहा था। शोएब वर्ष 2015 से आधारकार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करता था। ये दोनों मिलकर बांग्लादेशी नागरिकों के आधारकार्ड, पानकर्ड, इलेक्शन कार्ड और पासपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार करवा रहे थे।

14 घुसपैठियों के दस्तावेज करवाए तैयार

एटीएस की टीम ने बांग्लादेशी नागरिक राणा सरकार की वीआईपी मोबाइल एंड मनी ट्रांसफर नामक दुकान में जांच की तो वहां से आधारकार्ड, पानकार्ड, बांग्लादेशी सरकार प्राप्त आईडी कार्ड, भारत सरकार का ई-श्रम कार्ड तथा बैंक की पासबुक मिली। आरोपी ने कबूल किया कि बांग्लादेश से रोब्युम इस्लाम नामक व्यक्ति के माध्यम से लाए गए 14 बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी पहचान पत्र के आधार पर शोएब मोहम्मद के पास पासपोर्ट तैयार करवाए। रोब्यूम फिलहाल फरार है, वह विदेश में बताया जाता है।

खेतों से होकर अवैध रूप से भारतीय सीमा में किया प्रवेश

आरोपी राणा सरकार बांग्लादेश के किशोरगंज जिले का रहने वाला है जिसने वर्ष 2012 में खेतों से होकर भारतीय सीमा में प्रवेश किया था। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल होते हुए तमिलनाडु, मुंबई होते हुए वर्ष 2015 में अहमदाबाद आया। इसके बाद वर्ष 2017 में उसने पासपोर्ट तैयार करवा लिया। किराए पर दुकान लेकर 2018 में आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड बनवाया था।

जासूसी, आतंकी जैसी गतिविधियों में संलिप्तता की आशंका

एटीएस के अनुसार इन आरोपियों की ओर से अवैध रूप से बनाए जाने वाले पासपोर्ट से न सिर्फ धोखाधड़ी बल्कि आतंकवाद, जासूसी, तस्करी, अवैध इमग्रेशन तथा अन्य जोखिम भी हो सकते हैं। इस तरह की गतिविधियां देश की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा असर कर सकती हैं।