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आधी कीमत पर ट्रैक्टर का लालच देकर दो किसानों को चपत

राज्यव्यापी घोटाले का खुलासा, अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के नाम पर अनुदान का झांसा

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राजकोट. देशभर में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के नाम पर कार्यालय खोलकर किसानों को अनुदान के नाम पर 50 प्रतिशत कीमत पर ट्रैक्टर सहित खेती के साधन दिलाने का लालच देकर धोखाधड़ी के राज्यव्यापी घोटाले का खुलासा होने के साथ ही शहर में भी इसी प्रकार दो किसानों को 3.91 लाख रुपए की चपत लगाने का पर्दाफाश हुआ है।
सूत्रों के अनुसार शहर में साधु वासवाणी रोड पर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के नाम से कार्यालय खोलकर दो महिलाओं सहित तीन लोगों ने गोंडल व लोधिका के दो किसानों से 3.91 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। जिले की गोंडल तहसील के वेजा गांव निवासी प्रशांत प्रताप सिंघव व लोधिका तहसील के देवडा गांव निवासी गिरधर विरजी काछडिया ने राजकोट शहर में यूनिवर्सिटी पुलिस थाने में सोमवार देर रात को मामला दर्ज करवाया।
राजकोट में साधु वासवाणी रोड पर श्यामल वेट्रीक्स में दुकान में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के नाम से कार्यालय खोलने वाले महेश्वरीबेन अग्निहोत्री, अहमदाबाद शाखा के गुजरात के प्रेसीडेंट विवेक दवे, महेसाणा कार्यालय के मुकुंद परमार, अहमदाबाद शाखा के वाइस प्रेसीडेंट अरूणा कांति नाई, अहमदाबाद के प्रमुख महेश रमेश भाटिया, ऑल इंडिया प्रेसीडेंट निदेशक संदीप बेनीप्रसाद शर्मा, निदेशक देवेन कैलाशचंद्र जैन के विरुद्ध दो अलग-अलग मामले दर्ज करवाए हैं।
शिकायत में वेजा गांव में गोशाला के संचालक प्रशांत सिंघव के अनुसार पिछली 4 जनवरी 2018 को उसने परिषद के कार्यालय में एक लाख रुपए जमा करवाए। उसके मित्र सागर पटेल ने कार्यालय में सदस्य का फार्म भरा। सागर ने आधी कीमत पर ट्रैक्टर हासिल करने की बात कही और प्रशांत को इस बात पर विश्वास होने के कारण वह भी कार्यालय पर गया और एक लाख रुपए नकद दिए।
करीब 10 दिन बाद प्रशांत उस कार्यालय पर पहुंचा तो कुछ समय में ट्रैक्टर आने का उसे विश्वास दिलाया गया। कुल 5.60 लाख रुपए का ट्रैक्टर 2.91 लाख रुपए में देने का उसे लालच दिया गया। अन्य लोग भी लालच में फंस गए। इस दौरान पाटण में पिछली 26 जनवरी को इसी प्रकार की ठगी की शिकायत दर्ज होने पर समग्र प्रकरण ठगी का होने का खुलासा हुआ।
इसी प्रकार लोधिका तहसील के देवडा गांव निवासी गिरधर काछडिया की शिकायत में बताया गया है कि उसने कार्यालय में सदस्य के तौर पर शुल्क के दो हजार रुपए जमा करवाए। इसके बाद एक लाख और बाद में 1.91 लाख रुपए दिए लेकिन उसे ट्रैक्टर नहीं दिया गया। राशि लेने पर किसी प्रकार की रसीद भी नहीं दी गई। फिलहाल, कार्यालय पर ताला लगाकर ठग गिरोह के सदस्य फरार हो गए हैं। गांधीग्राम-2 पुलिस थाने के निरीक्षक एम.डी. चंद्रवाडिया के निर्देशन में उप निरीक्षक बी.जे. कडछा ने जांच शुरू की है।