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अहमदाबाद शहर के सिविल अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में साढ़े तीन वर्ष के बच्चे की गैस्ट्रिक पुलअप सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। बच्चों में इस तरह की सर्जरी बेहद जटिल होती है। बच्चे की अन्न नली में जन्मजात विकार था जिसे एसोफैजियल एट्रेसिया के नाम से जाना जाता है। लगभग 4000 बच्चों में से किसी एक को इस तरह की परेशानी से गुजरना पड़ता है।अस्पताल के पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि बच्चे की अन्न नली में परेशानी के चलते उसे हर दो घंटे में नली के जरिए दूध पिलाना पड़ता था। इस बच्चे ने ऑपेरशन के बाद जन्म लेने के सीढ़े तीन साल में पहली बार अपने मुंह के जरिए दूध पीया है।
डॉ. जोशी के अनुसार इस समस्या में अन्न नली दो भागों में विभाजित हो जाती जिसके कारण बच्चे को भोजन पेट तक ठीक से नहीं पहुंच पाता है। बच्चे का वजन बढ़कर सात से 10 किलो होने पर ही इस तरह की सर्जरी करना लाभ प्रद माना जाता है। चिकित्सकों ने गत 29 मई को यह जटिल सर्जरी की। इसके बाद बच्चे की स्थिति में सुधार हुआ और उसने बिना नली के पहली बार दूध पीया था। अब यह बालक बिना किसी परेशानी के खाना खा सकता है। पिछले दिनों किए यह ऑपरेशन डॉ. जयश्रीरामजी एवं उनकी टीम ने किया।
डॉ. जोशी ने बताया कि इस तरह की सर्जरी में 40 से 50 फीसदी ही मामलों में मरीज के बचने की गुंजाइश होती है। लेकिन इस मामले में यह पूरी तरह से सफल रही है। बच्चे को सफल उपचार के बाद छुट्टी भी दे दी गई है।
Published on:
15 Jul 2025 09:26 pm
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