इस स्थल का विशेष महत्व है। यह क्षेत्रसमुद्र तट पर है, जहां खारा पानी है, इसके बीच में पंचनद तीर्थ स्थित है। पांच पांडवों के साथ जुड़े यहां के पांच कुओं में पानी मीठा है।इसे द्वारकाधीश की ही कृपा कह सकते हैं, जहां पांच कुओं का पानी मीठा है। बाकी सब जगह खुदाई के दौरान खारा पानी ही निकला है। फिलहाल द्वारका आने वाले यात्री बोटों में बैठकर पंचनद तीर्थ के दर्शन करने के लिएजाते हैं। सुदामा सेतु का कार्य पूर्ण होने पर यात्री पैदल पंचनद तीर्थ पर पहुंच सकेंगे, जहां लक्ष्मी-नारायण देव का मंदिर स्थित है।