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India Book of Record राजकोट के इएनटी सर्जन को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिला स्थान

मेडिकल जर्नल से पता लगने पर डेढ़ महीने पहले किया था आवेदन

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India Book of Record राजकोट के इएनटी सर्जन को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिला स्थान

डॉ. हिमांशु ठक्कर।

अहमदाबाद. राजकोट के कान, नाक, गला रोगों के (इएनटी) सर्जन को 10 साल के बच्चे की सांस नली में 7 साल तक फंसी प्लास्टिक की सीटी को सबसे लंबे समय बाद एंडोस्कोपी से बाहर निकालने पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान मिला है।
राजकोट के इएनटी सर्जन डॉ. हिमांशु ठक्कर ने बताया कि 2013 में गिर सोमनाथ जिले की सूत्रापाड़ा तहसील के मताना गांव के निवासी 10 साल के बच्चे विस्मय नकुम को उनके अस्पताल में लाया गया था। बच्चे के परिजनों के अनुसार 3 साल की उम्र में विस्मय की सांस नली में प्लास्टिक की सीटी फंस गई थी। 7 साल तक बार-बार खांसी और जुकाम से परेशान होने पर इलाज कराने का फायदा नहीं हुआ।

2013 में गिर सोमनाथ जिले के 10 साल के बच्चे की सर्जरी की थी

कुछ लोगों से पता लगने पर 2013 में बच्चे को लेकर परिजन राजकोट में डॉ. ठक्कर के पास पहुंचे। परीक्षण व सीटी स्केन कराने पर बच्चे की सांस नली के दाईं ओर की दीवार पर प्लास्टिक की सीटी फंसी दिखी। डॉ. ठक्कर ने दूरबीन से एंडोस्कॉपी सर्जरी कर कुछ ही मिनट में प्लास्टिक की सीटी को बाहर निकाली।

चिकित्सा जगत में अनोखा मामला

डॉ. ठक्कर ने बताया कि 7 साल तक सांस नली में दीवार पर प्लास्टिक की सीटी फंसी रहने का चिकित्सा जगत में यह अनोखा मामला था। उनके अनुसार प्लास्टिक की सीटी निकालने का जोखिम भरा कार्य उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर किया था।

इसी महीने मिला अवार्ड

डॉ. ठक्कर ने मेडिकल जर्नल से ऐसी सर्जरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल करने का पता लगने पर डेढ़ महीने पहले आवेदन किया था। सांस नली में 7 साल तक फंसी प्लास्टिक की सीटी को दूरबीन से एंडोस्कोपी सर्जरी कर सबसे लंबे समय बाद बाहर निकालने पर ऐसी सर्जरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया। हाल ही उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किए जाने का प्रमाण-पत्र और अवार्ड प्राप्त हुआ।