
जामनगर. भावनगर में ड्यूटी पर तैनात एक वन अधिकारी की पत्नी नयना और दो बच्चों - पृथा व भव्य के शव वन कॉलोनी स्थित उनके घर से 20 फीट दूर एक गड्ढे में दबे मिले। नयना 5 नवंबर को दो बच्चों के साथ 10 दिन पहले सूरत जाने के बाद से लापता हो गई थीं। इसके बाद पुलिस को भी सूचना दी गई। आशंका जताई गई कि तीनों की हत्या कर शवों को दफनाया गया।
भावनगर की भरतनगर पुलिस को घर के पास रहस्यमयी खुदाई की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने खुदाई की और तीनों के शव बरामद किए। भावनगर के जिला पुलिस अधीक्षक नितेश पांडे ने बताया कि नयना के पति सह सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) शैलेश खांभला संदेह के घेरे में हैं।
पांडे ने बताया कि वन विभाग में एसीएफ शैलेश खांभला ने 7 नवंबर को भरतनगर पुलिस स्टेशन में बताया था कि उनकी पत्नी नयना, दो बच्चे 5 नवंबर से लापता हैं। परिवार के सदस्य सूरत में रहते थे और छुट्टियों में उनके साथ रहने के लिए भावनगर आए थे। सूचना दर्ज होने के बाद पुलिस टीमें जांच कर रही थीं।
जांच टीम को शनिवार को सूचना मिली कि 5 नवंबर को वन कॉलोनी के पास खुदाई की गई थी और संदिग्ध गतिविधियां की गई थीं। इसके आधार पर, रविवार को पुलिस टीमों ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारियों, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और श्वान के साथ खुदाई स्थल पर पहुंचकर खुदाई की। इस दौरान तीन शव मिले, ये शव नयना और उनके बच्चों के हैं। इनकी पहचान परिजनों ने ने की। शव में तीन शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
नयना के पति शैलेश खांभला बोटाद वन विभाग के सब-डिवीजन के में एसीएफ के पद पर कार्यरत थे। एक साल पहले भावनगर तबादला हो गया था। उनके क्वार्टर के पास में खाली पड़ी जमीन पर कचरा डालने के लिए मशीन से लगभग 5 से 7 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था।
भावनगर शहर के तलाजा रोड स्थित कांच के मंदिर के पास रहने वाले वन अधिकारी का संयुक्त परिवार सूरत में रहता है। पत्नी, पुत्र-पुत्री छुट्टियां मनाने सूरत से भावनगर आए थे। बाद में सूरत जाने के बाद वे लापता हो गए। जब तीनों सूरत नहीं पहुंचे तो परिजनों ने तलाश शुरू की और बाद में भावनगर के भरतनगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
Published on:
16 Nov 2025 10:44 pm
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