
Ahmedabad. शहर के ओढव थाना क्षेत्र में विराटनगर ब्रिज के नीचे कार से मिले बिल्डर हिम्मत रुडाणी (63) के शव मामले में रुडाणी के व्यापारिक हिस्सेदार रह चुके बिल्डर मनसुख लाखाणी को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले पकड़े गए दो आरोपियों और मनसुख को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उन दोनों आरोपियों हिमांशु उर्फ राहुल राठौड़, पप्पू मेघवाल और बाद में मनसुख लाखाणी तीनों को 20 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इस मामले में एक किशोर भी हिरासत में है। उससे पूछताछ जारी है।
बिल्डर हिम्मत रुडाणी के हत्या के आरोप में पकड़े गए दोनों आरोपियों को सोमवार शाम ओढव पुलिस विराटनगर ब्रिज के पास लेकर पहुंची। यहां पुलिस ने आरोपियों ने कैसे वारदात की, कार को कहां पर और कैसे खड़ा किया और कैसे वे फरार हुए उस संदर्भ में जांच की व सीन को रीक्रिएट किया।
इलाके के एसीपी कृणाल देसाई ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि आरोपी राहुल बिल्डर मनसुख के यहां सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करता था। कुछ समय पहले 50 हजार रुपए देकर मनसुख ने उसे हिम्मत के हाथ पैर तोड़ने को कहा था। उस समय उसने काम नहीं किया था। ऐसे में मनसुख ने फिर से उसे एक करोड़ रुपए और एक मकान रुपए देने की बात कही और हिम्मत की हत्या करने के लिए कहा। आरोपियों ने हिम्मत की हत्या करने के बाद उसके फोटो भी मनसुख को भेजे थे। हत्या निकोल के सरदारधाम के बेसमेंट में की गई थी। वहां से शव को बिल्डर की कार की डिक्की में रखकर विराटनगर ब्रिज के नीचे कार पार्क कर आरोपी फरार हो गए थे। जांच में सामने आया कि मनसुख और हिम्मत के बीच वर्ष 2020 से एक स्कीम को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों के बीच हिस्सेदारी को लेकर विवाद था। इसके अलावा हिम्मत के बेटे ने मनसुख के बेटे के विरुद्ध धोखाधड़ी की एफआईआर भी करवाई थी। यह देख मनसुख ने सुपारी देकर हिम्मत की हत्या करवा दी।
Published on:
15 Sept 2025 10:40 pm
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