
गुजरात में बढ़ाई जाएगी लिग्नाइट खनन की क्षमता
गांधीनगर. गुजरात में लिग्नाइट खनन की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए गुजरात में छह और स्थानों पर लिग्नाइट का खनन किया जाएगा। गुजरात में लिग्नाइट का खनन गुजरात मिनरल डवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन (जीएमडीसी) के जरिए किया जाता है। वहीं पर्यावरण मंत्रालय ने जीएमडीसी की सूरत स्थित तड़केश्वर लिग्नाइट खान में 135 मीटर की गहराई तक खदान की मंजूरी दी है।
गुजरात मिनरल डवलपमेंट कॉपोरेशन लिमिटेड (जीएमडीसी) भारत में अग्रणी खनन खिलाडिय़ों में से एक है। मतलब कि 85 फीसदी लिग्नाइट का खदान किया जाता है। कंपनी के पास मौजूदा समय में कच्छ, दक्षिण गुजरात और भावनगर क्षेत्र में पांच लिग्नाइट खदानें हैं। यह कथित तौर पर देश में लिग्नाइट का सबसे बड़ा व्यापारी विक्रेता है। इसके अलावा जीएमडीसी को छह और स्थानों पर खदान शुरू किया जाएगा, जिसमें पान्द्रो एक्सटेन्शन और भरकंदम में लिग्नाइट ब्लॉक्स आवंटित किए हैं। इसके अलावा भरूच के वालिया, दमकाई पडल, सूरत में धाला एवं कच्छ के लखपत में ब्लॉक्स आवंटित की गई हैं। शीघ्र ही यहां खनन प्रारंभ किया जाएगा। इसके जरिए यहां 500 मिलियन टन लिग्नाइट मिलनी की संभावना है। वहीं उत्तर गुजरात के अम्बाजी में भी मिनरल की खोज की है, जिसमें तांबा, शीशा और जस्ता मिलने की संभावना है।
जीएमडीसी के प्रबंध निदेशक रूपवंत सिंह कहा कितड़केश्वर में लिग्नाइट खदानें सूरत में रणनीतिक रूप से एक बड़े औद्योगिक क्षेत्र में हैं। तड़केश्वर खदानों से 0.68 मिलियन मीट्रिक टन लिग्नाइट का खनन किया है> राज्य और देश भर में लगातार बढ़ती मांग-आपूर्ति अंतर और ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी।
रूपवंत सिंह के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उत्पादन लक्ष्य 86.63 लाख मीट्रिक टन था जिसमें 65.64 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हासिल कर लिया है। वर्ष 2021-22 के दौरान, भावनगर की खदानों में लिग्नाइट का उत्पादन 12.86 लाख मीट्रिक टन, जो वर्ष 2020-21 के 4.94 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 7.92 लाख मीट्रिक अधिक है।
Published on:
07 Mar 2022 10:01 pm
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