31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आईपीएस अधिकारी रजनीश राय अब आईआईएम-ए में सहायक प्रोफेसर

कानून एवं व्यवस्था संभालने के बाद अब देश के सबसे बड़े बिजनेस स्कूल में पब्लिक सिस्टम ग्रुप की शिक्षा देंगे, आईआईएम-ए से डॉक्टरेट प्रोग्राम (एफपीएम) कर चुके हैं राय

2 min read
Google source verification
IPS Office Rajnish Rai

आईपीएस अधिकारी रजनीश राय अब आईआईएम-ए में सहायक प्रोफेसर

अहमदाबाद. गुजरात कैडर के १९९२ बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय अब देश के सबसे बड़े बिजनेस स्कूल (प्रबंध संस्थान) भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) में बतौर सहायक प्रोफेसर जुड़ गए हैं। राय की आईआईएम-ए में छह मई २०१९ को नियुक्ति हुई है।
अभी तक गुजरात सहित देशभर में कानून एवं व्यवस्था को संभालने वाले आईपीएस अधिकारी रजनीश राय अब आईआईएम-ए में विद्यार्थियों को पब्लिक सिस्टम ग्रुप की बारीकियां पढ़ाएंगे। प्रोफेसर रजनीश राय आईआईएम-ए के छात्र रह चुके हैं। वे संस्थान के डॉक्टोरल प्रोग्राम -फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) के २०१३ में विद्यार्थी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने स्टडी लीव ली थी।
आईआईएम-ए की ओर से वेबसाइट पर प्रत्येक प्राध्यापकों की प्रोफाइल बनाई जाती है। रजनीश राय की भी ऑनलाइन प्रोफाइल बना दी गई है। जिसमें उन्हें पब्लिक सिस्टम ग्रुप में असिस्टेंट प्रोफेसर दर्शाया गया है। हालांकि उनका फोटोग्राफ और अन्य शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य कोई जानकारी नहीं दी गई है। ई-मेल आईडी जरूर दर्शाया गया है।
आईआईएम-ए की ओर से वर्ष २०१९ में अब तक आईपीएस अधिकारी प्रोफेससर रजनीश राय के साथ कुल सात असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्त किया गया है। इनमें रजत शर्मा, नवीन आंबली, मोहम्मद फुआद, एड्रिजा मजूमदार, तरुण जैन और प्रणव सिंह शामिल हैं।
आईआईएम-ए के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि चूंकि राय आईआईएमए के छात्र रह चुके हैं। आईआईएम-ए के नीति-नियमों के तहत बतौर प्राध्यापक उनकी संस्थान में नियुक्ति की जा सकती है। हालांकि इसके लिए एक पूरी प्रक्रिया होती है, जिसे पूरा किया गया है।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में वर्ष २००७ में गुजरात कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों डी.जी.वणजारा, दिनेश एम.एन., राजकुमार पांडियन की गिरफ्तारी करने के चलते रजनीश राय पहली बार चर्चा में आए थे। फिलहाल वे स्वैच्छिक निवृत्ति के लिए केन्द्र सरकार से जद्होजहद कर रहे हंै। वे प्रतिनियिुक्ति पर सीआरपीएफ के आंध्रप्रदेश चित्तूर स्थित ट्रेनिंग स्कूल में प्राचार्य के पद (आईजीपी) कार्यरत थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने स्वैच्छिक निवृत्ति के लिए गत वर्ष आवेदन किया था, जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृति नहीं दी है। उसके बाद से यह मामला फिलहाल अदालत में लंबित है। फिलहाल राय निलंबित हैं।