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गुजरात के इस शहर में बनेगा राज्य का पहला डिसेलिनेशन प्लांट

-सीएम की उपस्थिति में एमओयू -समुद्र के खारे पानी को बनाया जाएगा मीठा पेजयल -राजकोट और जामनगर शहर सहित जिले के गांवों, मोरबी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा शुद्ध पानी

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गुजरात के इस शहर में बनेगा राज्य का पहला डिसेलिनेशन प्लांट

गांधीनगर. समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य मीठे पानी में बदलने वाला राज्य का पहला डिसेलिनेशन प्लांट गुजरात के जामनगर जिले के जोडिया में स्थापित होगा। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौजूदगी में इस संबंध में शनिवार को गांधीनगर में गुजरात वाटर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड व एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, मुंबई के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।
इसे गुजरात के लिए काफी ऐतिहासिक बताते हुए सीएम ने कहा कि गुजरात को पानी की कमी वाला राज्य नहीं बल्कि पर्याप्त पानी वाला राज्य बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आने वाली पीढ़ी को कभी अकाल शब्द नहीं सुनना पड़े इसके लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्थापित होने वाला यह प्रोजेक्ट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 700 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होगा।
इस प्लांट के तहत प्रतिदिन शुद्ध किए गए 10 करोड़ लीटर पानी को जोडिया से पाइपलाइन के जरिए हीरापर लाया जाएगा। यहां से वर्तमान जलापूर्ति ग्रिड के नेटवर्क से राजकोट, जामनगर शहर, दोनों जिलों के गांवों सहित मोरबी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी आपूर्ति की जाएगी। राज्यव्यापी जलापूर्ति ग्रिड में दैनिक 10 करोड़ लीटर पानी की वृद्धि होने से राजकोट, जामनगर जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लिए पेयजल आरक्षित कर जल सुरक्षा में बढ़ोतरी की जा सकेगी।

पोरबंदर, द्वारका, वेरावल व भावनगर में भी प्लांट बनेगा

रुपाणी ने कहा कि स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर गुजरात में विभिन्न क्षमता के अन्य डिसेलिनेशन प्लांट भी स्थापित किए जाएंंगे। राज्य सरकार के जोडिया के अलावा पोरबंदर, द्वारका, वेरावल व घोघा (भावनगर) में भी समुद्र के खारे पानी को पीने लायक पानी का संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
कच्छ व साबरकांठा जैसी सीमाई जिलों में भी छोटी क्षमता के प्लांट स्थापित होंगे। उद्योगों के पानी की जरूरतों को देखते हुए दहेज व गांधीधाम में भी जीआईड़ीसी की ओर से यह संयंत्र स्थापित की जाएगी।