
गुजरात में बनेगा सोलर विन्ड हाईब्रिड पार्क, नीति घोषित
अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक अहम निर्णय करते हुए सोलर विन्ड हाईब्रिड पार्क स्थापित करने का निर्णय किया है। इसके लिए नीति घोषित करते हुए १० सालों में ३० हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन की योजना बनाई है।
ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल और ऊर्जा राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाड़़ेजा ने कहा कि इस नीति की खाशियत यह है कि एक ही जगह पर सोलर एनर्जी और विन्ड एनर्जी का उत्पादन साथ में किया जा सकेगा। यानि सौर ऊर्जा से सोलर पैनल के जरिए और पवन चक्की के जरिए बिजली उत्पादित की जा सकेगी। इसके लिए बिन उपयोगी सरकारी जमीन पर विशेष हाईब्रिड पार्क बनाए जाएंगे। इस पार्क को विकसित करने के लिए निजी डेवलपर को ४० साल के किराए पर इस जमीन को दिया जाएगा। जमीन पर विन्ड एनर्जी और सोलर एनर्जी साथ में पैदा की जा सकेगी। इस पार्क के लिए दी जाने वाली जमीन को स्वत: ही गैरकृषि भूमि (एन.ए) का दर्जा मिल जाएगा।
डेवलपर को दस साल में जगह पर पूरी शत प्रतिशतक्षमता का प्लांट स्थापित करना होगा। प्रति हेक्टेयर जमीन का 15 हजार रुपए किराया सरकार को देना होगा। हर तीन साल में किराए में 15 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। डेवलपर का चयन करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है।
इस पार्क में देश के अन्य राज्य भी अपने रिन्युएबल पावर पर्चेज ऑब्लिगेशन पूरे करने के लिए उनके खुद के रिन्युएबल पावर प्लांटस्थापित कर सकते हैं। पार्क में उनके प्लांट में उत्पादित होने वाली बिजली को वे अपने राज्य में भी ले जा सकते हैँ। देश के कई राज्यों में भौगोलिक स्थिति के चलते पवन चक्की ऊर्जा और सौर ऊर्जा उत्पादन नहीं होता है। उनके लिए यह योजना उपयोगी साबित होगी। गुजरात की ओर से स्थापित होने वाले हाईब्रिड पार्क में वे हिस्सेदार बनकर इसका लाभ ले सकेंगे। इस योजना के तहत एक लाख २० हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होने की संभावना है। इसके अलावा राज्य में उत्पादित होने वाली बिजली को अन्य जगह स्थानांतरित करने के लिए नेटवर्क बिछाने में दस हजार करोड़ का अतिरिक्त पूंजी निवेश राज्य में होने की संभावना है।
Published on:
10 Jan 2019 11:20 pm
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