
अहमदाबाद शहर में स्कूल वैन। (फाइल फोटो)।
अहमदाबाद. राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड के बाद गुजरात राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय भी हरकत में आया है।राज्य के परिवहन आयुक्त राजेश मांजू ने गुरुवार को राज्य के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (आरटीओ) को निर्देश दिया है कि वे उनके अधिकार क्षेत्र में स्कूल वैन, ऑटो और स्कूल बसों में फायर सेफ्टी, वाहनों की गति सीमा, लाइसेंस, पीयूसी, फिटनेस सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकृत वाहन ही चलें व अन्य नीति नियमों की पालना को सुनिश्चित कराएं। स्कूलों में 13 जून से शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही जांच अभियान छेड़ें। जिन वाहनों में नियमों का उल्लंघन हो रहा हो, उन पर नियमानुसार कार्रवाई करें। साप्ताहिक ब्यौरा परिवहन आयुक्त कार्यालय को भेजें।
परिवहन आयुक्त ने आरटीओ को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 12 जून 2019 को जारी परिपत्र की पालना हो। स्कूल बस में आगजनी की घटना न बने और बने तो उसे काबू करने के लिए आईएसआई प्रमाणित 5 किलोग्राम के दो अग्निशामक यंत्र होने जरूरी है। एक ड्राइवर केबिन में और दूसरा आपातकालीन निकास द्वार पर लगा हो। इसे चलाने का प्रशिक्षण ड्राइवर, कंडक्टर, अटेंडेंट को दिया जाए। स्कूल बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए। बस की गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे ही होनी चाहिए। बस की खिड़की में पर्दे न लगें हों, खिड़कियों पर तिरछी पट्टी या जाली, दरवाजे पर लॉक, आपातकाल द्वार होने जरूरी है और साथ ही सीटें ज्वलनशील पदार्थ वाली न हों। बस में जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी, फर्स्ट एड बॉक्स, अलार्म और पानी की सुविधा के साथ-साथ परिमट अनिवार्य है। ड्राइवरों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाए।
आरटीओ को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि परमिट वाले स्कूल वैन, स्कूल ऑटो ही कार्यरत रहें। इनकी गति सी्मा 20 किमी प्रति घंटे की हो। 6 सीट वाले वैन में 12 साल से कम आयु के 12 बच्चे ही बैठें। यदि इसका उल्लंघन किया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाए। वैन, ऑटो में प्राथमिक उपचार किट और अग्निशामक यंत्र होना जरूरी है। वाहन पर स्कूल वैन, स्कूल वर्धी वाहन, ड्राइवर मालिक का नाम, नंबर लिखा होना जरूरी है। स्कूल बैग रखने की उचित व्यवस्था और बल्ब होर्न हो।
स्कूल वर्धी वैन या ऑटो में रजिस्ट्रेशन के बाद यदि सीएनजी या एलपीजी किट लगाई गई है, तो अल्टरेशन प्रक्रिया अनिवार्य है। किट का फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है। सीएनजी किट तीन साल और एलपीजी में टैंक को पांच साल में हाइड्रो टेस्ट जरूरी है।
Published on:
31 May 2024 10:33 pm
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