
हाउसिंग बोर्ड की चेतावनी: 30 हजार निवासियों को मिला नोटिस, पुनर्विकास पर जल्द करना होगा फैसला
गुजरात हाउसिंग बोर्ड (GHB) द्वारा पूरे राज्य में हाउसिंग बोर्ड के घर बनाए गए थे। अब इन मकानों के दशकों पुराना होने के कारण कई काफी जर्जर हालत में हैं। इसके चलते अक्सर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकानों की स्लैब, छत का हिस्सा या अन्य हिस्से गिरने की खबरें सामने आती रहती हैं। जिससे वहां के निवासियों की जान का खतरा बना रहता है।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए जीएचबी ने व्यक्तिगत रूप से ऐसी जर्जर कॉलोनियों के रहने वालों को घर-घर जाकर नोटिस दिया है। जिसमें सभी को कहा गया है कि ‘पुनर्विकास में लग जाएं या मकानों की मरम्मत करा लें, अन्यथा हम आपके मकान खाली करने को मजबूर हो जाएंगे’।
हाउसिंग बोर्ड ने अब तक 1011 कॉलोनियां बनाईं
गुजरात हाउसिंग बोर्ड द्वारा अब तक 1011 कॉलोनियों का निर्माण किया जा चुका है। इनमें मुख्यमंत्री समूह योजना और प्रधानमंत्री आवास की 40 नई योजनाएं शामिल।
30 से 50 साल पुरानी 971 कॉलोनियों में से 454 टेनेमेंट बनाने की योजना है। मगर 517 फ्लैट्स की योजनाएं कौन सी हैं। सबसे पहले इन योजनाओं का इंजीनियरों की टीम ने निरीक्षण किया। फिर 75 सदस्यों की 25 टीमों ने इसपर जांच की।
इस सर्वे के दौरान 127 कॉलोनियां जर्जर हालत में पाई गईं।
इन 127 कॉलोनियों में हाउसिंग बोर्ड ने तीन चरणों में जांच की। इनमें से छह कॉलोनियों में स्थानीय निवासियों ने सर्वे करने गए हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को भी अंदर नहीं घुसने दिया। नारणपुरा इलाके में जयमंगल रोड पर एक अपार्टमेंट ब्लॉक की पहली और दूसरी मंजिल की गैलरी ढह गई। हालाँकि, सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन इस घटना के बाद एक बार फिर पुनर्विकास का मुद्दा उठ खड़ा हुआ।
तीन चरणों के सर्वे में 32 कॉलोनियों के 75 फीसदी से ज्यादा निवासियों ने पुनर्विकास के लिए मौखिक सहमति दी। जबकि 9 कॉलोनियों में से 65 से 75 प्रतिशत और 88 कॉलोनियों में से 65 प्रतिशत से कम पुनर्विकास के लिए सहमत हुए।
हाउसिंग बोर्ड ने पहले नोटिस में क्या कहा?
इस सर्वे के बाद गुजरात हाउसिंग बोर्ड ने सबसे पहले 29-5-2023 को सार्वजनिक नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा था कि बोर्ड के अहमदाबाद डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आने वाली पुरानी और प्रथम दृष्टया जीर्ण-शीर्ण योजनाओं में, गुजरात हाउसिंग बोर्ड अधिनियम, 1961 धारा 75 के तहत मकान-फ्लैट एक बार लाभार्थी को सौंपने पर घर का इंटीरियर रखरखाव और पर्यवेक्षण मकान मालिक को करना होता है। इमारत का रख-रखाव समय-समय पर मालिक-कब्जेदार द्वारा किया जाना चाहिए।
जीबीपीएमसी अधिनियम के अनुसार, अत्यधिक जीर्ण-शीर्ण और खतरनाक पाए जाने पर, प्राधिकरण तुरंत स्थानीय प्राधिकारी को सूचित कर बस्ती को रोक सकता है। ताकि आगे चलकर मा किसी भी त्रासदी से बचा जा सके।
सोसायटी को जीर्ण-शीर्ण घोषित कर दिए जाने पर भी बसावट नहीं रोकी ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना पर निवासी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।
दोबारा दूसरा नोटिस जारी किया गया
इसके बाद 5-6-2023 और 30-6-2023 को फिर से इसी तरह के सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए।
मकान रहने लायक नहीं - संपदा अधिकारी की सार्वजनिक सूचना
इस सार्वजनिक सूचना के बाद, गुजरात हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी के ब्लॉक-वार नोटिस जारी किए। जिसमें कहा गया था कि आपके मकान आवश्यक मरम्मत एवं रख-रखाव के अभाव में काफी जर्जर स्थिति में हैं, संपदा अधिकारी ने कहा कि ये मकान रहने लायक नहीं हैं।
इस नोटिस में अंततः चेतावनी दी गई है कि यदि कॉलोनी के लाभार्थी और एसोसिएशन द्वारा कोई देरी की जाती है और उस संबंध में कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी निवासी-एसोसिएशन की होगी।
कॉलोनी के 30 हजार निवासियों को अलग-अलग नोटिस दिए
इसके बाद भी कोई निष्कर्श न निकलने की परिस्थितियों में यह किया कि निवासियों को तीन बार समाचार पत्र में सार्वजनिक सूचना देकर सूचित किया। ‘अपनी जर्जर इमारत की मरम्मत कराएं या पुनर्विकास योजना में शामिल हों’। फिर प्रत्येक कॉलोनी के प्रत्येक ब्लॉक पर नोटिस चिपकाए गए।
हालाँकि, इन प्रयासों के विफल होने पर, 30,000 निवासियों को व्यक्तिगत नोटिस जारी किए।
उन्होंने लोगों से कहा है कि ‘वह आपके घर व्यक्तिगत तौर पर आये हैं। सक्रिय रुख अपनाते हुए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। यदि आप पुनर्विकास के लिए सहमति देते हैं, तो आप आगे बढ़ सकते हैं। यदि आप सहमति नहीं देना चाहते तो अपने घरण की मरम्मत करवा लें।
यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आपकी संपत्ति को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए हमें कानून के अनुसार इन घरों को खाली करने की कार्रवाई करनी होगी’।
Published on:
21 Feb 2024 06:14 pm
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