
Ahmedabad News: सीए विद्यार्थियों का अहमदाबाद ब्रांच कार्यालय के बाहर भी हल्लाबोल
अहमदाबाद. चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी गुरुवार को अपनी पढ़ाई छोड़़कर द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अहमदाबाद ब्रांच कार्यालय के बाहर धरना और प्रदर्शन करते दिखाई दिए। विद्यार्थियों का कहना है कि वे उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनकी मांग है कि विद्यार्थियों को संस्थान की ओर से पूरी उत्तरपुस्तिका के पुन: मूल्यांकन का अधिकार दिया जाए। जबकि संस्थान की ओर से इस बाबत कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। छात्रों का कहना है कि विद्यार्थी बीते दो दिनों से न सिर्फ अहमदाबाद ब्रांच कार्यालय बल्कि दिल्ली स्थित संस्थान के मुख्यालय और देशभर में सभी ब्रांचों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी सीए के छात्र का कहना है कि उनकी मांग है कि आईसीएआई की ओर से सीए रेग्युलेशन 39 (4) में संशोधन किया जाए। ताकि विद्यार्थियों को पूरी उत्तरपुस्तिका के पुन:मूल्यांकन का अधिकार मिल सके। जब तक इस बाबत निर्णय नहीं होता वे प्रदर्शन करते रहेंगे।
एक अन्य छात्र का कहना था कि जबकि उसका एक पूरा सवाल जो पांच अंक का था वह सही लिखा था बावजूद उसे शून्य अंक दिया गया है। संस्थान रेग्युलेशन 39 (4) का हवाला देते हुए इस प्रश्न का पुन: मूल्यांकन करने से इनकार कर रहा है। इस प्रावधान के चलते वे नहीं उनके जैसे कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका है। पारदर्शिता के समय में उनके साथ अपारदर्शी व्यवहार संस्थान की ओर से किया जा रहा है। एक अन्य छात्र का कहना था कि अहमदाबाद आईसीएआई ब्रांच कार्यालय में सुनवाई तो दूर गेट तक लगा लिए गए हैं।
इस बाबत जब अहमदाबाद आईसीएआई ब्रांच के अध्यक्ष गणेश नादर से पूछा गया तो उनका कहना था कि यह पूरा मामला उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का है। जहां तक विद्यार्थियों की सुनवाई का सवाल है तो उनके पास कोई नहीं आया।
आईसीएआई के वेस्टर्न रीजन के काउंसिल मैम्बर अनिकेत तलाटी ने बताया कि रेग्युलेशन 39 (4) के प्रावधानों के तहत पूरी उत्तरपुस्तिका का पुन:मूल्यांकन नहीं होता है। लेकिन अंकों के जोड़ में कोई गलती है तो उसे सुधारा जाता है, यदि कोई प्रश्न जांचना रह गया है तो उसकी जांच करके अंक दिए जाते हैं। यदि किसी प्रश्न के जवाब में स्टेप के आधार पर अंक देने में कमी है तो उसे भी सुधारने का प्रावधान है।
उच्च स्तरीय स्वतंत्र समिति का गठन
आईसीएआई वेस्टर्न रीजन के काउंसिल मैम्बर अनिकेत तलाटी ने कहा कि विद्यार्थियों की मांग पर सुनवाई की जा रही है। आईसीएआई रेग्युलेशन १९८८ की धारा ३९ की उपधारा 4 के प्रावधानों में उचित सुधार की संभावना को लेकर एक उच्च स्तरीय स्वतंत्र समिति गठित की गई है। सरकार की ओर से नामांकित डॉ.पी.सी.जैन को इस समिति का संयोजक बनाया है। जिसमें सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अनिल आर.दवे, आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष वेद जैन, अमरजीत चोपड़ा, ख्यात शिक्षाविद डॉ.गिरीश आहुजा सदस्य बनाए गए हैं। समिति की सिफारिश पर निर्णय होगा।
Published on:
26 Sept 2019 09:50 pm
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