
नया प्रस्तावित लोगो जून में होगा जारी, संस्कृत सूत्र वाक्य बरकरार: आईआईएम-ए
अहमदाबाद. विश्व के श्रेष्ठतम प्रबंध संस्थानों में शुमार भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) की ओर से की जा रही नए लोगो को अपनाने की तैयारी पर उठे विवाद के बीच शुक्रवार को संस्थान का आधिकारिक बयान सामने आया है। बयान में संस्थान ने कहा है कि संस्थान जून में नए प्रस्तावित लोगो को जारी करेगा। प्रस्तावित लोगों में संस्कृत सूत्र वाक्य को बरकरार रखा गया है।
आईआईएम-ए की ओर से वेबसाइट पर जारी किए गए अपने बयान में कहा है कि ‘संस्थान अपनी वेबसाइट में बदलाव करने जा रहा है, जिससे नए लोगो की जरूरत महसूस हुई। फाइनल डिजाइन की सिफारिश करते समय मूल्यांकन, अन्वेषण, वर्ड मार्क, ब्रांड मार्क के विकास सभी को ध्यान में रखा गया है।’
संस्थान ने अपने बयान में इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं की गई है कि संस्थान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए अलग-अलग लोगो अपनाने जा रहा है या नहीं।
हालांकि संस्थान के प्राध्यापकों की ओर से किए गए अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए उपयोग में लिए जाने वाले प्रस्तावित लोगो में से संस्कृत सूत्र वाक्य ‘विद्याविनियोगाद्विकास:’ को हटाने के विरोध के संबंध में स्पष्टता जरूर की है।
संस्थान ने बयान में कहा है कि ‘प्रस्तावित लोगो में संस्थान के पुराने लोगो की विरासत को बरकरार रखा गया है। लोगो में उल्लेखित संस्कृत के सूत्र वाक्य ‘विद्याविनियोगाद्विकास:’ को नए लोगो में मूलरूप में बरकरार रखा गया है।’
संस्थान ने बयान में कहा कि ‘प्रस्तावित लोगो में रंग में सुधार (बदलाव) किया गया है। फोंट में बदलाव किया गया है। जाली से प्रेरित ब्रांड चिन्ह को डिजिटल मीडिया के अनुरूप अधिक विशिष्ट बनाया गया है। संस्थान का प्रस्तावित लोगो इस साल जून में अवकाश के बाद जारी किया जाएगा।’
ज्ञात हो कि लोगो में बदलाव की बात सामने आने पर आईआईएम-ए के 45 प्राध्यापकों ने विरोध दर्ज कराया है।
लोगो बनाने वाले ने दी थी संस्कृत शब्द हटाने की जानकारी
उधर संस्थान के नए लोगो के संबंध में अकादमिक काउंसिल (फैक्टी काउंसिल) की बैठक में हुई चर्चा-विरोध की मिनिट्स भी सामने आई हैं। उसमें स्पष्ट उल्लेख है कि आईआईएम-ए के नए लोगो को बनाने वाले प्रोफेसर ह्योकजिन क्वाक ने बैठक में संस्थान के नए लोगो का प्रजेन्टेशन दिया। उसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने ‘दो लोगो बनाए हैं एक ग्लोबल रिप्रजेंटेशन के लिए जिसमें संस्कृत सूत्र वाक्य नहीं है, जबकि दूसरा डोमेस्टिक रिप्रजेंटेशन के लिए, जिसमें संस्कृत सूत्र वाक्य है।’ कुछ प्राध्यापकों ने नए लोगो में पाम ट्री (ताड़ के पेड़) को ज्यादा उभारे जाने पर आपत्ति जताई है, जबकि पुराने लोगो में यह सूक्ष्मरूप में नजर आता है। मिनिट्स में कुछ प्राध्यापकों ने नए लोगो की डिजाइन में की गई प्रोफेसर की मेहनत को सराहा भी।
मिनिट्स में उल्लेख है कि निदेशक ने दोनों ही लोगो को अपनाने की बात कही है।
प्रस्तावित लोगो का लुक भी आया सामने!
आईआईएम-ए के नए प्रस्तावित लोगो का लुक भी सामने आया है। जिसमें एक लोगो में बिना संस्कृत सूत्र वाक्य के लोगो नजर आ रहा है, जबकि दूसरे लोगो में संस्कृत सूत्र वाक्य है। पुराने लोगो में आईआईएम-अहमदाबाद पूरा लिखा गया है, नए प्रस्तावित लोगो में आईआईएम-ए ही लिखा गया है। हालांकि आईआईएम-ए ने सामने आई प्रस्तावित नए लोगो के लुक की तस्वीर के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
Published on:
01 Apr 2022 09:28 pm
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