
Ahmedabad News आईआईटी गांधीनगर में हुई ऐसी रिसर्च कि अब विदेश से नहीं लाने पड़ेंगे २० वोल्ट की क्षमता वाले सर्किट
अहमदाबाद. इलैक्ट्रिक कार से लेकर बैटरी संचालित उपकरणों को बनाने में उपयोग में ली जाने वाली ५ वोल्ट से अधिक क्षमता की इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) को अब विदेशों से नहीं मंगवाना पड़ेगा। ऐसी सर्किट को अब भारत में ही बनाया जा सकेगा। इसे संभव करने से जुड़ी रिसर्च में अहम सफलता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर IIT Gandhinagar (आईआईटी गांधीनगर) के प्रोफेसर एवं विद्यार्थी को हाथ लगी है।
जिसके तहत अब 1.8 वोल्ट से लेकर 20 वोल्ट तक की क्षमता वाले इंटीग्रेटेड सर्किट Integrated circuit (आईसी) को India भारत में ही बनाया जाना संभव हो सकेगा। PM Narendra modi प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुरू किए गए make in india मेक इन इंडिया अभियान को भी इस शोध से गति मिलेगी। बाहरी देशों पर भारत की निर्भरता कम होगी। इसका फायदा ऑटोमोबाइल व्हीकल इंडस्ट्रीज एवं बैटरी संचालित उपकरण बनाने वाले उद्योगों को होगा।
आईआईटी गांधीनगर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे छात्र Mandar Bhoir मंदार भोईर ने प्रोफेसर Dr Nihar ranjan Mohapatra डॉ. निहार रंजन महापात्रा के मार्गदर्शन में यह शोध की है। उन्होंने संस्थान की Nano-electronics Devices and Circuits (nano DC) laboratory नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस एंड सर्किट लैबोरेटरी में सेमीकंडक्टर डिवाइस प्रोसेस को विकसित किया है। उसमें चंडीगढ़ स्थित Semi-conductor laboratory सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी की भी मदद ली गई है। इस रिसर्च को आईईईई ट्रांजेक्शन ऑन इलेक्ट्रान डिवाइस जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है। मंदार ने इसका पेटेंट भी फ़ाइल किया है।
छात्र मंदार भोइर बताते हैं कि देश में अभी 1.8 वोल्ट से लेकर 5 वोल्ट तक की क्षमता वाले इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) को ही बनाया जा सकता है। इससे ज्यादा की क्षमता वाले सर्किट को बाहरी देशों ताइवान, इजराइल व् यूरोपीय देशों से बनवाना पड़ता है। हम भारत में ही ज्यादा क्षमता की इंटीग्रेटेड सर्किट बना सकें इसे ध्यानार्थ करते हुए रिसर्च की थी। जिसके लिए सेमीकंडक्टर डिवाइस की नई प्रोसेस को विकसित किया है। जिससे भारत में ही १.८ वोल्ट से लेकर २० वोल्ट की क्षमता वाली आईसी को बनाया जा सकता है। जिससे अब एक ही सर्किट में अब 1.8 वोल्ट वाले और 20 वोल्ट तक के डिवाइस लगा सकते हैं।
नई प्रक्रिया में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं, जिससे यह काफी सस्ती भी है। इसके भारत में बनने से उद्योगों को काफी फायदा होगा। बाहर से इसे बनवाने या लाने में होने वाला खर्च कम होगा। इसके अलावा सर्किट में लगने वाले डिवाइस की स्पीड बढ़ेगी, पावर लॉस भी कम होता है, जिससे सर्किट में लगे उपकरण को संचालित करने वाले बैटरी की क्षमता भी बढ़ेगी।
५० वोल्टेज तक की क्षमता पर भी हो रहा है काम
भोईर ने बताया कि वे प्रोफेसर डॉ.निहार रंजन मोहपात्रा के मार्गदर्शन में अब १.८ वोल्ट से लेकर ५० वोल्ट तक की क्षमता वाले इंटीग्रेटेड सर्किट को विकसित करने पर शोध कर रहे हैं।
अन्य देशों पर निर्भरता होगी खत्म
यह शोध भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह तकनीक पावर मैनेजमेंट इंटीग्रेटेड सर्किट के स्वदेशी विकास और अन्य देशों पर हमारी निर्भरता को कम करने में मददगार साबित होगी।
-प्रोफेसर निहार रंजन महापात्र, एसोसिएट प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी गांधीनगर
Published on:
16 Nov 2019 10:05 pm
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