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11 साल में आत्महत्या करने को साबरमती नदी में कूदे 500 लोगों को दमकलकर्मियों ने बचाया

आत्महत्या निवारण दिवस पर आज विशेष

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Suicide Prevention Day

अहमदाबाद दमकल विभाग के जवानों ने पिछले 11 वर्ष में ऐसे 500 लोगों की जिंदगी बचाई, जो किसी कारणवश आत्महत्या करने के लिए ब्रिज व घाट से साबरमती नदी में कूदे थे। शहर के इंदिरा ब्रिज से लेकर वासणा बैरेज तक साबरमती नदी में समय रहते कूदे इन लोगों को बचाकर उन्हें नया जीवन दिलाया।आत्महत्या निवारण दिवस 10 सितंबर से एक दिन पूर्व मंगलवार को अहमदाबाद के मुख्य फायर ऑफिसर अमित डोंगरे ने बताया कि फायर कर्मियों ने कई किस्सों में लोगों को निराशा भरे समय से उबारने का प्रयास किया। व्यक्ति जब निराशा में डूब जाता है तो उनमें से कुछ लोग बहुमूल्य जिंदगी को खत्म करने का निर्णय ले लेते हैं। ऐसे समय में यदि लोग हाथ बढ़ाएं तो आत्महत्या के कदमों को रोका जा सकता है। अहमदाबाद अग्निशमन विभाग की टीम ने बीते 11 सालों में 500 लोगों की जिंदगी बचाकर यही कोशिश की है। इससे कई लोगों के घरों में उम्मीद, खुशी और मुस्कान लौट आई है।

एक-एक क्षण का रखा जाता है ध्यान

उन्होंने कहा कि पानी में कूदने वाले व्यक्ति के लिए हरेक क्षण कीमती होता है। जिसे ध्यान में रखकर फायरब्रिगेड़ कर्मचारी अपना काम करते हैं। खुद पानी में कूदकर, रस्सियों या नावों का उपयोग करके, तकनीकी उपकरणों से उनकी जान बचाते हैं। कभी-कभी कुछ सेकंड की देरी भी जानलेवा स्थिति पैदा कर देती है।अग्निशमन विभाग केवल आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों में जागरूकता फैलाने को भी सक्रिय है।

आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं

अहमदाबाद दमकल के अन्य अधिकारी स्वास्तिक जाडेजा ने कह कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। जीवन अनमोल है और इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। अहमदाबाद अग्निशमन विभाग की रिवर रेस्क्यू टीम के सदस्य भरत मांगेला ने बताया कि वे पिछले 11 वर्षों से रेस्क्यू टीम के सदस्य हैं। साबरमती रिवरफ्रंट या साबरमती नदी में किसी के आत्महत्या करने के लिए पानी में कूदने या फिर रिवरफ्रंट पर जाने की सूचना मिलती है तो टीम तुरंत स्थल पर पहुंचती है और ऐसे लोगों को बचाने में जुट जाती है। कईयों को टीम काउंसिलिंग भी देती है। ऐसे व्यक्तियों के परिजनों से भी संपर्क किया जाता है।