
भारत ने किसी कंपनी के नाम का सुझाव नहीं दिया ;सीतारमण
अहमदाबाद. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रफाल डील को लेकर रफाल डील को लेकर भारत ने रफाल डील को लेकर किसी भी कंपनी के नाम का सुझाव नहीं दिया।
सोमवार को भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) में संवाददाता सम्मेलन में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलां की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस पर अपने लेख में सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वे नहीं जानतीं कि तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान के पीछे क्या कारण है, लेकिन वे यह कह सकती हैं कि भारत सरकार की ओर से किसी भी सार्वजनिक या निजी कंपनी का नाम सुझाव के लिए नहीं दिया गया। ओलां ने कहा था कि भारत सरकार ने निजी कंपनी का नाम सुझाया था।
यूपीए के दौरान नहीं हुआ दस्सू व एचएएल का समझौता
रक्षा मंत्री ने दावा किया कि यूपीए के शासनकाल के दौरान दस्सू और एचएएल के बीच समझौता नहीं हो सका। इसलिए इसके बारे में सवाल यूपीए सरकार के लोगों से पूछना चाहिए। एचएएल सक्षम है या नहीं, इस पर व्यापक रूप से वे नहीं बता पाएंगी। एचएएल बहुत सारा उत्पादन करता है। एचएएल सुखोई, डॉर्नियर व हेलिकॉप्टर के साथ-साथ कई चीजों का उत्पादन करती है।
उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल के दौरान दोनों के बीच समझौता निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका। इसलिए एचएएल के पास क्षमता है या नहीं, यह बात भी यूपीए सरकार के लोगों से पूछनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उस दौरान सररकार की तरफ से एचएएल को मदद की जाती तो समझौता हो गया होता।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब डील को लेकर फ्रांस गए और तब उन्होंने वहां के राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें जल्द से जल्द तैयार स्थिति में रफाल चाहिए।
रफाल की कीमत के बारे में नहीं बताया
रफाल की सही कीमत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संसद में कीमत के बारे में दो बार बताया जा चुका है।
Published on:
01 Oct 2018 11:34 pm
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