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गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा सेवानिवृत्ति से पूर्व बर्खास्त

IPS officer Satish Verma dismissed from service -इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआईटी) का किया था नेतृत्व, 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी अभी तक भी आईजी, गुजरात सरकार ने नहीं दी पदोन्नति, वर्मा ने सुप्रीमकोर्ट में दी चुनौती

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गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा सेवानिवृत्ति से पूर्व बर्खास्त

गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा सेवानिवृत्ति से पूर्व बर्खास्त

Ahmedabad. इशरत जहां मुठभेड़़ मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने वाले गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को रिटायरमेंट से पहले ही सेवामुक्त (बर्खास्त) कर दिया गया है। सतीश चंद्र वर्मा 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। सरकार ने 30 अगस्त को आदेश जारी कर विभागीय कार्रवाई से संबंधित आधारों पर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश पारित किया है। सूत्रों का कहना है कि आईपीएस अधिकारी की बर्खास्तगी का एक प्रमुख कारण उनका मीडिया से बात करना बताया जा रहा है, जिस पर सरकार का मानना है कि उससे देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचा है। सतीश चंद्र वर्मा को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने इस आदेश की पालना की भी मंजूरी दे दी। ज्ञात हो कि वर्मा ने उनके खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती दी है।
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सतीशचंद्र वर्मा के विरुद्ध जारी विभागीय जांच के चलते उन्हें पदोन्नति नहीं दी गई है। वे अभी तक भी आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी फिलहाल की पोस्टिंग तमिलनाडु कोयंबटूर में सीआरपीएफ में आईजीपी के पद पर थी। जबकि गुजरात में उनके बाद की बैच के कई अधिकारियों को डीजीपी पद पर पदोन्नति मिल चुकी है।

केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में किया आवेदन
दरअसल इस मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में आवेदन कर सूचना दी कि सरकार की ओर से सतीशचंद्र वर्मा को 30 अगस्त 2022 के आदेश से बर्खास्त कर दिया है। सरकार 1 सितंबर से इस बर्खास्तगी के आदेश लागू करने की मांग करती है। आवेदन में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि दिल्ली कोर्ट की ओर से सरकार को निर्देश दिया गया था कि उनकी ओर से एक साल तक सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर कोई त्वरित कदम नहीं उठाया जाए। इस संबंध में आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 सितंबर 2021 को जारी किया था। केन्द्र सरकार के आवेदन पर दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को वर्मा को बर्खास्त करने के आदेश की पालना करने की मंजूरी दे दी है।
सात सितंबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए निर्देश में केन्द्र सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश की पालना करने यानि वर्मा को सेवा से बर्खास्त करने का फाइनल ऑर्डर पारित करने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने केन्द्र सरकार को यह भी आदेश दिया है कि यह मंजूरी कोर्ट के आदेश तक अंतिम रूप से लागू नहीं होगी। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि आईपीएस अधिकारी वर्मा को 19 सितंबर तक मोहलत दी जाए, ताकि वह कानून के हिसाब से आदेश के खिलाफ विकल्प देख सकें। सूत्रों के मुताबिक, सतीश चंद्र वर्मा ने सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।