Ahmedabad. शहर के जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर Jagannath Temple at Jamalpur में रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। अवसर था भगवान जगन्नाथ की नेत्रोत्सव विधि Netra utsav का। भगवान जगन्नाथ सरसपुर स्थित ननिहाल से 15 दिन बाद निज मंदिर लौटे। सुबह भगवान को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया। इस दौरान भगवान के दर्शनों के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले पूरा मंदिर परिसर जय जगन्नाथ , जय रणछोड़, माखन चोर के नाद से गूंज उठा। उसके बाद नेत्रोत्सव विधि की गई। उसके बाद मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया। इस विधि में महापौर किरीट परमार, शहर भाजपा अध्यक्ष व विधायक अमित शाह व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
अहमदाबाद में सरसपुर क्षेत्र को भगवान के ननिहाल के रूप में जाना जाता है। जहां से रथयात्रा के दो दिन पहले रविवार को भगवान (अपने घर) जमालपुर स्थित निज मंदिर पहुंचे हैं। अब दो दिन बाद 20 जून को शहर में भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकलेगी। नेत्रोत्सव विधि के दौरान भक्ति और दान पुण्य का माहौल रहा। यहां ध्वजा भी चढ़ाई गई। इस दौरानक्या है नेत्रोत्सव विधि
भगवान जगन्नाथ की यात्रा से पहले नेत्रोत्सव विधि को लेकर परंपरा है कि जलयात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ ननिहाल (सरसपुर) जाते हैं। ननिहालवासी भगवान भांजे का खूब आदर सत्कार करते हैं। मिठाई और फलों (आम, जामुन आदि) के सेवन से उनकी आंखों में दर्द होने लगता है। जिससे उनके निज मंदिर लौटने पर उनकी आंखों पर पट्टी बांधी जाती है। इसे ही नेत्रोत्सव विधि कहते हैं।
माल पुआ और दूधपाक का प्रसादभगवान जगन्नाथ के जल्द स्वस्थ होने की कामना से मंदिर में साधु-संतों का भंडारा किया जाता है। रविवार को इसी परंपरा को तहत जगन्नाथ मंदिर परिसर में भंडारा किया गया। जिसमें देशभर से आए साधू संतों को मालपुआ और दूध पाक का प्रसाद ग्रहण कराया गया।
20 को नगर भ्रमण पर निकलेंगे जगन्नाथदो दिनों तक भगवान की आंखों पर पट्टी बंधी रहेगी। भगवान के स्वास्थ्य के खराब होने से नगरवासी चिंतित होते हैं। ननिहालवाले भी चिंता में रहते हैं ऐसे में उनके स्वस्थ्य हो जाने की जानकारी नगरवासियों और ननिहालवालों को देने के लिए भगवान 20 जून को रथयात्रा के रूप में नगर भ्रमण करते हुए ननिहाल सरसपुर पहुंचेंगे।