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चौथ माता की हुई पूजा-अर्चना, मांगा अभय वरदान

करवा चौथ, करक चौथ

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चौथ माता की हुई पूजा-अर्चना, मांगा अभय वरदान

चौथ माता की हुई पूजा-अर्चना, मांगा अभय वरदान

सिलवासा. कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर सुहागिन महिलाओं ने बुधवार को करवा चौथ महाव्रत रखा। सुखी दाम्पत्य जीवन एवं पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने चौथमाता की पूजा की और सास, जेठानी, ननद को मिठाई कपड़े भेंट में दिए। इससे पूर्व सुबह मंदिरों में व्रती महिलाओं ने शिव-पार्वती की भी पूजा की और रात्रि में चंद्रदर्शन किए।


करवा चौथ सुहागिन महिलाओं का पवित्र पर्व है। घर व सोसायटियों में महिलाओं ने समूह में चौथ माता अर्थात गौरी (शिव-पार्वती), कार्तिकेय व चन्द्रमा की पूजा की। घर का कामकाज निपटाकर महिलाओं ने नए कपड़े व हाथों पर मेहंदी रचाकर पूजा सामग्री से चौथ माता का श्रृंगार किया व कथा सुनी।

नवविवाहिताओं ने घर पर पीली मिट्टी का आसन तैयार उस पर माटी का टोंटीदार करवा रखा जिसमें शक्कर भरकर मां गौरी का ध्यान किया और बाद में सास, जेठानी को मिठाई, कपड़े आभूषण आदि भेंट किए। शहर के आमली पार्क सिटी, सांई सृष्टि, सांई धाम, बालाजी टाउनशिप, योगी विहार, मंदिर फलिया, 66 केवी रोड़, टोकरखाड़ा, सुन्दरवन सोसायटी, गुरुदेव कॉम्पलेक्स में महिलाओं ने समूह में गीत गाकर चौथ माता को मनाया। दिनभर निर्जल उपवास के बाद व्रती महिलाओं ने रात को उगते चन्द्रमा को अघ्र्य दिया।

करवा चौथ पूजन से दिनभर धार्मिक वातावरण देखा गया। दादरा सांई कॉम्पलेक्स, अथाल, नरोली, मसाट, रखोली, खानवेल, खडोली में भी करवा चौथ पर्व मनाया। करवा चौथ राजस्थान, हरियाणा, यूपी, दिल्ली सहित उत्तरी राज्यों में खासतौर से मनाया जाता है। दादरा नगर हवेली में देश के सभी राज्यों के प्रवासी होने से यह महिलाओं के आपसी स्नेह मिलन के पर्व के रूप में निखरा है। इसमें अब आदिवासी महिलाएं भी सम्मिलित होने लगी हैं।