
Gujarat: एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए बना ‘लायन @ 47: अमृतकाल के लिए विजन’
Ahmedabad. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने लोगों के साथ-साथ गुजरात और देश की शान माने जाने वाले एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए भी एक अमृतकाल विजन तैयार किया है। ‘लायनञ्च47: अमृतकाल के लिए विजन’ नामक इस विजन डॉक्यूमेंट में विश्व भर में एशियाई शेरों की एकमात्र शरणगाह गुजरात के गिर जंगल में इन शेरों की बढ़ती संख्या का बेहतर तरीके से प्रबंधन करने पर जोर दिया जा रहा है। बढ़ती आबादी के अनुरूप इनके विचरण व आवास क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
यह जानकारी राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे की ओर से राज्यसभा में दी गई।
जिसमें बताया कि गिर के जंगल में बसने वाले अदिवासी समुदाय के लोग व स्थानीय पशुपालकों की आजीविका भी बेहतर हो उस पर भी इस विजन के तहत काम किया जा रहा है।
एशियाई शेरों में होने वाले रोगों से उन्हें सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एक वैश्विक स्तर का निदान व उपचार की जानकारी देने वाला केन्द्र भी यहां तैयार किया जा रहा है।
इस विजन डॉक्यूमेंट में सिर्फ एशियाई शेरों के संवर्धन तक की ही बात नहीं कही गई है बल्कि वे जिस आबोहवा और जैवविविधता के बीच निवास करते हैं उस जैवविविधता का भी संरक्षण करने को प्राथमिकता दी जा रही है। गुजरात में इस परियोजना को केन्द्र व गुजरात सरकार के साथ केन्द्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की ओर से क्रियान्वित किया जा रहा है।
3 सालों में 124 लाख की वित्तीय मदद
राज्यसभा में दी गई जानकारी के तहत बीते तीन सालों में वन्यजीव पर्यावास का विकास नाम की केन्द्र सरकार प्रायोजित योजना के तहत गुजरात को 124 लाख रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की गई है। इस अवधि के दौरान एशियाई शेर संरक्षण परियोजना के तहत 2018-19 में जारी 1641 लाख के अनुदान का री वेलिडेशन भी कर दिया गया है।
बाघ के लिए भी है परियोजना
राज्यसभा में जानकारी दी गई है कि एशियाई शेरों के साथ-साथ बाघों के लिए भी एक परियोजना लागू की गई है। इसे देश के सभी 53 बाघ अभ्यारण्य में क्रियान्वित किया जा रहा है।
Published on:
23 Dec 2022 10:42 pm
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