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गुजरात में अब नागरिक केंद्रित कार्य, सुविधाओं के आधार पर होगी पुलिस थानों की रैंकिंग

-थानों की रैंकिंग पद्धति में किया बदलाव, अपराध के आंकड़ों, उन्हें सुलझाने की दर ही नहीं जनता से जुड़ाव, सुविधा देने को दी जाएगी प्राथमिकता, डीजीपी ने की घोषणा

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Gujarat university police station

Ahmedabad. जनता के साथ जुड़ाव को और बेहतर बनाने के लिए गुजरात पुलिस ने एक और अनूठी पहल की है। इसके तहत राज्य के पुलिस थानों की रैंकिंग में अब नागरिक केंद्रित कार्य और सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए गुजरात पुलिस ने थानों की रैंकिंग प्रक्रिया और उसके मापदंडों में कुछ बदलाव किए हैं।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय (डीजीपी) ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुजरात में पुलिस थानों की रैंकिंग की पद्धति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले रैंकिंग केवल अपराध के आंकड़ों पर आधारित होती थी, लेकिन अब राज्य पुलिस के नागरिक-केंद्रित कार्य और सुविधाओं को रैंकिंग का आधार बनाया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के मार्गदर्शन में यह निर्णय लिया गया है।

साल में दो बार होगी थानों की रैंकिंग प्रक्रिया

डीजीपी के तहत यह बदलाव डीजी-आईजी सम्मेलन 2024 के प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अब जो नए मानदंड बनाए गए हैं उसके आधार पर राज्य के प्रत्येक शहर और जिले में साल में दो बार पुलिस थानों की रैंकिंग प्रक्रिया की जाएगी। इस रैंकिंग में लगभग 40 विभिन्न नागरिक-केंद्रित मुद्दों को शामिल किया गया है।

शिकायतों का निपटारा, शी टीम की बैठकों को प्राथमिकता

नए रैंकिंग मानदंडों में नागरिकों को सीधा लाभ होता हो ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत थानों में जनता की ओर से किए जाने वाले आवेदनों (शिकायतों) का त्वरित निपटान, 'शी' टीम की वरिष्ठ नागरिकों के साथ बैठकें, पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायतें, 'तीन शब्द तुम्हारे, तीन शब्द हमारे' पहल और 'तेरा तुझको अर्पण' पहल जैसे सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों को इसका आधार बनाया गया है। थाने में बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वच्छता, महिला शौचालयों की व्यवस्था-स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल उपलब्धता, प्रतीक्षालय, उसमें नागरिकों के लिए सुविधाएं, सीसीटीवी कैमरे, अग्नि सुरक्षा, पौधरोपण कार्यक्रम को भी महत्व दिया गया है। संबंधित थाने के पीएसओ -एसएचओ की ओर से सरकारी नंबरों का किस प्रकार और कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है उसे भी इस मूल्यांकन में शामिल किया गया है।

हर शहर-जिले के टॉप तीन थानों को डीजीपी प्रमाणपत्र

नई पद्धति के अनुसार हर शहर और जिले में टॉप तीन स्थान प्राप्त करने वाले थानों को डीजीपी की ओर से प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इससे नागरिकों को थानों में बेहतर सेवाएं, सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। लोगों से जुड़ाव बेहतर होगा और साथ ही थानों के अंदर स्पर्धा का माहौल भी बनेगा।

गुजरात यूनिवर्सिटी थाना अहमदाबाद में अव्वल

नई प्रणाली के आधार पर अगस्त महीने में राज्य के सभी शहरों-जिलों के थानों की रैंकिंग की गई। अहमदाबाद शहर में गुजरात यूनिवर्सिटी थाने ने पहला स्थान पाया है। उसे डीजीपी ने प्रशंसा पत्र प्रदान किया। वडोदरा शहर में नंदेसरी, राजकोट शहर में क्राइम ब्रांच, सूरत शहर में सारोली थाना पहले स्थान पर रहा। अहमदाबाद रेंज में अहमदाबाद ग्रामीण का धोलका टाउन, खेड़ा का अंतरसुब्बा, गांधीनगर रेंज में गांधीनगर में पेथापुर, अरवल्ली में मोडासा टाउन, मेहसाणा में मेहसाणा तहसील, साबरकांठा में इडर थाना अव्वल रहा। वडोदरा रेंज में वडोदरा ग्रामीण में चाणोद, नर्मदा जिले में सागबारा, छोटा उदेपुर में काडवल, भरुच में झगडिया जीआईडीसी अव्वल रहा।