
ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने में समाज की भी भूमिका जरूरी: स्वास्थ्य मंत्री
अहमदाबाद. कोरोना की संभावित तीसरी लहर और कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए सरकार तो जरूरी कदम उठाएगी ही लेकिन इसके लिए समाज का भी सहयोग जरूरी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जिस तरह से समाज का सहयोग मिला है वैसे ही सहयोग की आगामी समय में भी जरूरत हो सकती है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मंगलवार को यह कहा। वे गांधीनगर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ गांधीनगर (आईआईपीएचजी) में एआईसीईएस के तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री पटेल ने कहा कि देशवासियों को स्वास्थ्य क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सकें इस उद्देश्य से विविध चुनौतियों से निपटने के लिए आईआईपीएचजी में नियमित शोध हो रहे हैं। वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी ने इसकी नींव रखी थी और हाल में यह संस्थान वटवृक्ष बन गया गया है। इसमें अब प्रीइन्वेंटिव और कम्युनिटी बेज उपचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता मिल रही है। यहां उपचार क्षेत्र में प्रशिक्षण भी दिया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि राज्य में निरामय गुजरात अभियान का भी लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। उनके अनुसार गैरसंक्रामक एवं लाइफ स्टाइल से पनपने वाले रोगों को लेकर भी जरूरी शोध किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस संस्थान से जुड़े विद्यार्थियो से इस संबंध में उचित प्रयास करने का आह्वान किया।
नए वैरिएंट से भी निपटने में सफल रहेंगे
स्वास्थ्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि कोरोना के ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट से भी निपटने में सफल रहेंगे। कोरोना टीकाकरण में अहम सफलता पाई है। अब इस वैरिएंट पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार तो अहम कदम उठाएगी ही साथ ही समाज का उसी तरह से सहयोग की अपेक्षा है जिस तरह से कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सहयोग रहा था।
देश की एकमात्र संस्था में चिकित्सकों को दिया जाता है प्रशिक्षण
आईआईपीएचजी के निदेशक डॉ. दिलीप मावलंकर ने कहा कि देश में अपनी तरह की एक मात्र इस संस्था में राज्य के कॉम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में कार्यरत 5000 से अधिक चिकित्सकों और आयुष चिकित्सकों को यहां प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस मौके संस्थान के प्राध्यापक व अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।
Published on:
21 Dec 2021 08:50 pm
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