
पाटण. वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस, उत्तर गुजरात के अंतर्गत जिला प्रशासन की ओर से पाटण में प्रभारी मंत्री जगदीश विश्वकर्मा की उपस्थिति में वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट पाटण समिट का आयोजन किया गया।
हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में आयोजित समिट में पाटण के उद्योगपतियों ने राज्य सरकार के साथ 43 करोड़ रुपए के एमओयू किए। इनसे 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में जब वाइब्रेंट समिट की शुरुआत हुई, तब से गुजरात की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है। इस एक पहल ने गुजरात को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के साथ-साथ वैश्विक पहचान भी दी है।
विश्वकर्मा ने कहा किप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जीएसटी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार करके अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में आत्मनिर्भर गुजरात की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। गुजरात आज देश में निर्यात में अग्रणी है। पिछले 20 वर्षों से सबसे अधिक रोजगार देने में गुजरात अग्रसर रहा है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि गुजरात के कुल निर्यात में उत्तर गुजरात का योगदान 3.3 अरब डॉलर है, इसमेें पाटण की हिस्सेदारी 22.96 करोड़ डॉलर है। पाटण के प्रसिद्ध पटोला शिल्प को जीवंत बनाए रखने में पीएम मोदी का विशेष योगदान है। उनके मार्गदर्शन में स्थानीय हुनर और कारीगरी को प्रोत्साहन देकर लोकल उत्पादों को ग्लोबल मार्केट दिलाने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। इस अवसर पर उद्योग विभाग की अपर मुख्य सचिव एवं जिला प्रभारी सचिव ममता वर्मा ने वाइब्रेंट समिट के 20 वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। आयोजन के दौरान एक्सपोर्ट चैलेंजेस और जीआई-टैग विषय पर विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन दिया। समिट में प्रदर्शनी भी लगाई गई।
Published on:
25 Sept 2025 11:14 pm
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