
'धर्म और प्रांत की राजनीति कर रहे हैं वर्तमान शासक'
अहमदाबाद. देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। वर्तमान परिस्थिति विचारधारा की लड़ाई है। आरएसएस और भाजपा लगातार झूठ फैला रही है। सरदार पटेल ने कभी भी जात-पांत और धर्म की दरकार नहीं की थी और देश को एकजुट करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन वर्तमान में ऐसे शासक देश के धर्म और प्रांत के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अमित चावड़ा बुधवार को लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती और लोह महिला व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि एलिसब्रिज में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, देश की विभूति सरदार पटेल एवं इंदिरा गांधी ने बलिदान दिए। इंदिरा गांधी ने देश के आम नागरिकों के लिए बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, लेकिन वर्तमान में विश्व का बैंक ढांचा डगमगा रहा हैं।
इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि सरदार पटेल और इंदिरा गांधी देश की धरोहर हैं। मौजूदा शासक युवाओं का मानस दूषित कर रहे हैं। सरदार पटेल के नाम पर राजनीति करने वाले देश की जनता को यह बताएं कि वे जिस विचारधारा को मानते हैं उस आरएसएस पर सरदार पटेल प्रतिबंध क्यों लगाया था। पंडित नेहरू और सरदार पटेल के संबंधों की हकीकत 60 वर्ष के अभिनंदन ग्रंथ में सरदार पटेल ने 14 अक्टूबर, 1949 में लिखे पत्र से उनकी मानता उजागर होता है। उनमें एकदूसरे के प्रति मान-सम्मान, एकदूसरे के चाहक और परस्पर स्नेह उजागर होता है।
इस मौके पर गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने कहा कि सरदार साहब के नाम पर राजनीति करने वाले शासक सरदार पटेल की ओर से स्थापित संस्थाओं को तोडऩे के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस के नेता चेतन रावल ने किया।
'सरदार पटेल की दूरदर्शिता नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक'
भावनगर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. विद्युत जोशी ने कहा कि सरदार पटेल लोह पुरुष, कुशल संगठक और प्रशासक थे। देश की स्वतंत्रता में उनका योगदान स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। सरदार पटेल इतिहास लिखने में नहीं बल्कि इतिहास रचने में विश्वास रखते थे। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति की ओर से एलिसब्रिज में एक हॉल में आयोजित कार्यक्रम में भावनगर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. विद्युत जोशी सरदार पटेल के ऐतिहासिक तथ्यों पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की खासियत थी कि वे कभी पद के मोहताज नहीं थे। इसीलिए ही महात्मा गांधी ने सरदार पटेल से पूछा था कि आजाद भारत में आप कौन सा खाता लेना पसंद करेंगे तब पटेल ने कहा था कि लोटा-डोर लेकर चल दूंगा। प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर पूर्व सांसद नवीनचन्द्र रवाणी ने कहा कि 31 अक्टूबर कांग्रेस पाटी और राष्ट्र के लिए गौरव का दिवस है। सरदार पटेल और इंदिरा गांधी ने कांग्रेस का नेतृत्व किया था।
Published on:
31 Oct 2018 09:49 pm
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