
3 वर्षों से पब्लिक गैलरी बंद, राजकोट मनपा को नोटिस
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्याायलय ने तीन वर्षों से राजकोट महानगरपालिका की पब्लिक गैलरी बंद होने के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर राजकोट मनपा, मनपा आयुक्त सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।
प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस. दवे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अशोक पटेल की ओर से ओर से दायर याचिका पर प्रतिवादियों से अगले वर्ष 17 जनवरी तक जवाब पेश करने को कहा।
अशोक पटेल ने स्वयं दलील करते हुए यह कहा कि राजकोट मनपा प्रशासन ने अप्रेल 2016 से आम जनता के लिए सामान्य सभा की बैठक को लेकर पब्लिक गैलरी बंद कर दी है। बांबे प्रोविंसियल म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीपीएमसी) अधिनियम के तहत मनपा प्रशासन को सामान्य सभा की प्रत्येक बैठक में आमलोगों के लिए पब्लिक गैलरी खुला रखना होगा। आम लोग महानगरपालिका की सामान्य सभा की बैठक की कार्रवाई देख सकते हैं। अब जबकि राजकोट मनपा की ओर से पब्लिक गैलरी गत तीन वर्षों से बंद कर दी गई है, ऐसे में आम लोग सामान्य सभा की बैठक की कार्रवाई नहीं देख पा रहे हैं जो यह देखना चाहते हैं कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि क्या कर रहे हैं।
बताया जाता है कि 18 अप्रेल 2016 को सामान्य सभा की बैठक के दौरान पब्लिक गैलरी में उपस्थित निर्वाचित प्रतिनिधियों के कुछ समर्थकों की ओर से बाधा डालने को लेकर पब्लिक गैलरी बंद करने का निर्णय लिया गया।
पटेल ने इस याचिका में न्यायालय ने गुहार लगाई कि न्यायालय राजकोट मनपा प्रशासन को आम लोगों के लिए पब्लिक गैलरी खुले रखने का निर्देश जारी करे। मनपा की सामान्य सभा की बैठक प्रत्येक दो महीने में एक बार होती है। इसमें न्यायालय से यह भी मांग की गई है कि आम लोगों को पब्लिक गैलरी बंद करने के लिए मनपा आयुक्त, पुलिस आयुक्त सहित 9 अधिकारियों को जुर्माना लगाए। याचिका में यह भी कहा गया कि सामान्य सभा की बैठक को लेकर पब्लिक गैलरी के लिए प्रवेश के नियमों को संशोधित करना चाहिए और इसे पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर बनाया जाना चाहिए।
Published on:
19 Dec 2018 10:26 pm
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