29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ahmedabad News : स्वयंभू प्रकट हुए थे रामनाथ महादेव

Ramnath Mahadev, Ahmedabad News, Gujrat News

2 min read
Google source verification
Ahmedabad News : स्वयंभू प्रकट हुए थे रामनाथ महादेव

Ahmedabad News : स्वयंभू प्रकट हुए थे रामनाथ महादेव

राजकोट. महादेव की महिमा अपरम्पार है। भारत में अनेक शिवालय हैं, जो इतिहास को समेटे हुए हैं। कुछ इसी प्रकार का महादेव मंदिर राजकोट में भी है, जिसे रामनाथ महादेव के रूप में जाना जाता है। शहर के मध्य स्थित इस मंदिर में मानसून के दौरान आजी नदी के जल से अभिषेक होता है। यह मंदिर इतना प्राचीन है कि इस शिवालय का ही नहीं, अपितु आसपास के क्षेत्र को भी रामनाथपरा के रूप में पहचाना जाता है। इस शिवालय में २४ घंटे दर्शन कर सकते हैं। करीब ४००-५०० वर्ष पुराना यह मंदिर प्राचीन मंदिरों की सूची में शामिल है। माना जाता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए थे। यहां हमेशा भक्तों की भीड़ रहती है। श्रावण माह के दौरान यहां अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। श्रावण महीने के दौरान यहां पर मेला लगता है।

बारिश के दौरान आजी नदी के जल से होता है अभिषेक

रामनाथ महादेव मंदिर राजकोट शहर के मध्य में स्थित है। आजी नदी के बहते पानी के प्रवाह के बीच यह मंदिर स्थित है और हर बार मानसून के दौरान नदी के पानी से रामनाथ महादेव को जलाभिषेक होता है। ऐसे में बारिश के दौरान यहां पर मनोहर दृश्य देखने को मिलता है।

पांच करोड़ में हो रहा है जीर्णोद्धार

प्राचीन रामनाथ महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार की ओर से ५ करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इस राशि में से मंदिर के आसपास की गंदगी को हटाने व वहां के विकास का कार्य किया जाएगा। पांच करोड़ रुपए में इस मंदिर का विकास होगा, जिससे शिवालय को एक नया रूप मिलेगा।

सफाई शुद्धिकरण प्रोजेक्ट शुरू

महानगर पालिका (मनपा) के उपायुक्त चेतन नंदाणी की सलाह व निर्देशन में मंदिर का सफाई शुद्धिकरण प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। नदी में बहने वाले प्रदूषित पानी व गंदगी को दूर करके मंदिर को साफ बनाया जाएगा। सिर्फ मंदिर ही नहीं, अपितु आजी नदी की सफाई व आसपास के क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा। साफ बनाया जाएगा। सिर्फ मंदिर ही नहीं, अपितु आजी नदी की सफाई व आसपास के क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा।