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स्वीकृत होने के बावजूद शहर में नहीं बने 15 हजार सीवर चैम्बर

घर-घर सीवरेज कनेक्शन और मिसिंग लिंक डालने में घालमेलडीपीआर तैयार करने में भी लापरवाही भुगतान के लिए 10 के बजाय 50 प्रतिशत पावर का इस्तेमालअमृत योजना का हाल

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Poor sewerage system

Poor sewerage system

भूपेन्द्र सिंह


अजमेर.शहर में अमृत amrut scheme योजना के तहत सीवर लाइन sewer lineडालने,घर-घर सीवर कनेक्शन करने, सीवर चैम्बर sewer chambers निर्माण में अनियमितता का मामला सामने आया है। शहर में इस योजना के तहत 30 हजार 743 सीवर चम्बर का निर्माण किया जाना था लेकिन केवल 13 हजार 500 सीवर चैम्बर ही बन सके। इस योजना के तहत 9 हजार 420 हाउस सीवर कनेक्शन का कार्य लिया गया था लेकिन 7 हजार 400 कनेक्शन ही किए गए। ठेकेदार को घर के अंदर बाहर प्रॉपर्टी चैम्बर तक किया जाना था लेकिन कनेक्शन बाहर से किया गया है। दरगाह क्षेत्र में तो सीवर लाइन ही नहीं डाली गई। जबकि अमृत योजना में फायसागर क्षेत्र, दरगाह क्षेत्र,कल्याणीपुरा व वर्षा पैलेस में कुल 47 किमी लाइन डालनी थी। लेकिन ठेकेदार ने फाय सागर क्षेत्र व कल्याणीपुरा में ही 47 किमी सीवरेज का कार्य किया गया है। अमृत योजना के तहत निगम nagar nigam ने 82.70 करोड़ रुपए का ठेका दिया था। हजारों की संख्या में सीवर चैबर नहीं बनाने सहित अन्य अनियमिततां सामने आने के बावजूद अभी तक किसी को नोटिस तक जारी नहीं हो सका। मामला महापौर तक भी पहुंचा।

डीपीआर के उलट हुआ काम
सीवरेज लाइन व चैम्बर के लिए डीपीआर एवं स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी की स्वीकृति के अनुसार करीब 7.54 करोड़ का कार्य दरगा क्षेत्र में किया जाना था। यह कार्य कठिन क्षेत्र में होने से इसे टाल दिया गया। अब यदि इस कार्य को पुन: निविदा आमंत्रित कर करवाया जाएगा तो अब 4-5 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे।

भुगतान के लिए 50 फीसदी पावर लगाई
एक तरफ नियमों कायदे ताक पर रख कर काम करवाया गया। वहीं दूसरी तरफ ठेकेदार कम्पनी को भुगतान करने अभियंताओं व अधिकारियों ने पूरा जोर लगा दिया। काफी आईटम 50 प्रतिशत से अधिक बीओक्यू आइटम को कम रखकर अतिरिक्त आइटम शो किए गए है एवं 50 प्रतिशत से अधिक वाले इन्हीं आइटमों को एक्सट्रा आईटम बनाया गया है। पूर्व में नियमों के विपरीत अतिरिक्त भुगतान किए जा चुके हैं। निगम के अधिकारियों की भुगतान की सीमा 10 प्रतिशत है लेकिन 50 फीसदी पावर का इस्तेमाल किया गया। जबकि इसे सरकार को भेजा जाना चाहिए था,बाद में राज्य सरकार से मार्ग दर्शन मांगा गया।

यह है अधिकारियों का तर्क
निगम के अधिशाषी अभियंता ओम प्रकाश ढींढवाल का कहना है कि अमृत योजना के तहत 74.75 करोड़ का ही ठेका दिया गया था। 8 हजार 114 सीवर कनेक्शन किए गए हैं। कल्याणीपुरा में 3.8 किमी सीवर लाइन डाली गई है। अजय नगर व पीलीखान में 400 मीटर लाइन डाली गई है। दरगाह क्षेत्र कुछ जगह लाइन डाली गई 70 कनेक्शन भी किए गए लेकिन क्षेत्रीय पार्षद के विरोध कारण काम बंद कर दिया गया। हम पुरानी रेट पर काम करने को तैयार हैं।

रेंडम तैयार की थी डीपीआर
अधिशाषी अभियंता ढींढवाल के अनुसार 6 साल पूर्व रेंडम डीपीआर तैयार की गई थी। इसमें 30 हजार 743 प्रोपर्टी चैम्बर लिए गए थे। कहां-कहां बनेंगे जगह नहीं बताई गई। नगर निगम व आरयूआईडी ने पहले बनाए थे। कुछ सडक़ के नीचे होने के कारण नहीं बनाए जा सके।

मैने तो चार्जशीट प्रपोज की थी
इस मामले में निगम की तत्कालीन आयुक्त चिन्मयी गोपाल का कहना था कि अभियंता ने काम कुछ करवाया और दस्वावेजों में कुछ दर्शाया। कम्पनी को भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में एक्सईएन, सीएओ,पूर्व एसई को चार्जशीट प्रस्तावित की गई है।

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