
Muharram : जिला प्रशासन से मांगी 200 तलवारें
अजमेर. मोहर्रम (muharram) व्यवस्थाओं को लेकर आयोजित बैठक में अंदरकोट (andarkot) पंचायत की ओर से हाईदौस (haidoss) के लिए 100 की जगह 200 तलवारें (swords) उपलब्ध कराए जाने की मांग रखी है। पंचायत के ऑडिटर एस.एम.अकबर ने बैठक में कहा कि हाईदौस खेलने वालों की संख्या अधिक होने के कारण उन्हें 200 तलवारें उपलब्ध कराई जाएं। इस पर जिला कलक्टर ने इस मोहर्रम के बाद अलग से इस संबंध में बैठक रखे जाने की बात कही है। अकबर ने तारागढ़ पर भी मोहर्रम के दौरान पर्याप्त व्यवस्थाएं किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि तारागढ़ पर मोहर्रम के दौरान कोई व्यवस्थाएं नहीं होती। रोड लाइटें भी काफी समय से बंद पड़ी है।
जर्जर भवनों पर नहीं खड़े हों, दुकानदार सीमा से आगे न बढ़ें
चांद दिखाई देने पर मोहर्रम 1 या 2 सितम्बर से शुरू हो जाएगा। इसे लेकर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने मेला क्षेत्र में पानी, बिजली, सफाई, सडक़, सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाएं चाक चौबंद किए जाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस भी 24 घण्टे मुस्तैद रहकर सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखेगी। क्षेत्र के दुकानदारों से कहा गया है कि वे प्रशासन द्वारा बनाई जाने वाली सफेद लाइन से आगे अपनी दुकानों का सामान नहीं रखें। वहीं मेला क्षेत्र में रहने वालों लोगों से आग्रह किया गया है कि ताजियों के जुलूस के दौरान जर्जर भवनों पर नहीं खड़े हों। चिकित्सा विभाग को मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं फोगिंग के निर्देश दिए गए हैं। रसद एवं चिकित्सा विभाग को खाने पीने की वस्तुओं एवं बर्फ की लगातार जांच कर सैंपल लेने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने यातायात विभाग को निर्देश दिए कि तारागढ़ क्षेत्र में चलने वाले ओवरलोड यात्री वाहनों के खिलाफ स ख्त कार्यवाही की जाए।
तकरीर करने वालों पर रहेगी नजर
मोहर्रम के दौरान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में तकरीर करने वालो का ब्यौरा दरगाह कमेटी और पुलिस को पहले से रखना होगा। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने मोहर्रम व्यवस्थाओं को लेकर हुई बैठक में यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मोहर्रम के दौरान दी जाने वाली तकरीर से कोई विवाद की स्थिति नहीं बने, इसलिए पहले से ही सावधानी बरती जाए।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मोहर्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में तकरीर होती है। ऐसे में तकरीर पेश करने वाले और उनको बुलाने वाले व्यक्ति या संगठन की पूर्व जानकारी रखी जाए। मौलाना की ओर से पढ़ी जाने वाली तकरीर भी पूर्व निर्धारित होनी चाहिए। इसमें सिर्फ धार्मिक तकरीर ही पढऩे की इजाजत दी जाए। किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हो। उन्होंने कहा कि किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े मौलाना को तकरीर पेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साम्प्रदायिक सौहाद्र्र बिगडऩे की स्थिति में संगठन और आयोजनकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मोहर्रम व्यवस्थाओं पर एडीए ने जताई असमर्थता
मोहर्रम के दौरान कायड़ विश्राम स्थली में व्यवस्थाएं करने में अजमेर विकास प्राधिकरण ने असमर्थता जताई है। उनका तर्क है कि एडीए का काम विकास कार्यों का है न कि मेले में व्यवस्थाएं करने का। इसके लिए उनके पास किसी तरह का कोई बजट भी नहीं आता। मोहर्रम व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को कलक्ट्रेट में हुई बैठक में एडीए सचिव इंद्रजीत सिंह ने इस तरह की आपत्ति दर्ज कराई। हालांकि जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि पूर्व में जिस तरह व्यवस्थाएं होती रही हैं, उसी तरह इस प्रकार भी व्यवस्थाएं संबंधित विभाग को करनी है। एडीए आयुक्त निशांत जैन ने भी कहा है कि एडीए पूर्व की भांति ही मोहर्रम व्यवस्थाएं करेगा।
Published on:
21 Aug 2019 02:21 am
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