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डीवीडिंग मशीन पर सालाना 30 लाख खर्च, फिर भी झील में जलकुंभी का जाल

- सालाना ठेका 4.53 लाख, रखरखाव पर 2.50 लाख रुपए मासिक व्यय - ठेके में जलकुंभी हटाने के साथ ही पाथवे की सफाई भी शामिल- बांडी नदी व अन्य संकरे भागों में मैन्युअल सफाई का ठेका देने की कवायद आनासागर को झील संरक्षण कानून के दायरे में लेने के बाद इसकी साफ-सफाई व संरक्षण का जिम्मा नगर निगम पर है। जिसमें सबसे बड़ी चुनौती झील को जलकुंभी मुक्त बनाना है। नगर निगम ने 1.34 करोड़ रुपए की लागत से डीवीडिंग मशीन खरीदी थी।

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अजमेर

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Dilip Sharma

Apr 03, 2023

डीवीडिंग मशीन पर सालाना 30 लाख खर्च, फिर भी झील में जलकुंभी का जाल

डीवीडिंग मशीन पर सालाना 30 लाख खर्च, फिर भी झील में जलकुंभी का जाल

अजमेर. आनासागर को झील संरक्षण कानून के दायरे में लेने के बाद इसकी साफ-सफाई व संरक्षण का जिम्मा नगर निगम पर है। जिसमें सबसे बड़ी चुनौती झील को जलकुंभी मुक्त बनाना है। नगर निगम ने 1.34 करोड़ रुपए की लागत से डीवीडिंग मशीन खरीदी थी। लेकिन इसके रखरखाव का सालाना ठेका लाखों रुपयों में दिए जाने के बावजूद आनासागर से जलकुंभी का सफाया नहीं हो पा रहा। चौंकाने वाली बात यह भी कि नगर निगम प्रशासन द्वारा बांडी नदी व झील के संकरे भागों से जलकुंभी व अन्य साफ-सफाई के लिए मैन्युअल कॉंट्रेक्ट दिया है।कितने घंटे चली, कोई रिकॉर्ड नहीं

डीवीडिंग मशीन रोजाना कितने घंटे चलती है, कितनी जलकुंभी निकाल रही है इसका कोई ब्यौरा नहीं है। फिलहाल झील में कई जगह गंदा कचरा, जलकुंभी का जाल बिछा हुआ है। खासकर बांडी नदी, रीजनल कॉलेज चौपाटी व सागर विहार के कुछ हिस्सों में जलकुंभी हमेशा ही बनी रहती है। जिसके कारण झील का पानी गंदा व बदबूदार है। इसमें हजारों मछलियों की भी मौत होती रहती है।

कौन रखेगा झील की सफाई पर नजर !निगम प्रशासन झील की साफ-सफाई का लाखों रुपए का ठेका देने के बावजूद सफाई कार्य के परिवीक्षण को लेकर संजीदा नजर नहीं आता। डीवीडिंग मशीन कितने घंटे आनासागर में रोजाना चल रही है, कितना डीजल खर्च हो रहा है, कितनी जलकुंभी या कचरा झील से निकाला जा रहा है इसके नियमित परिवीक्षण व औचक जांच के कोई पुख्ता इंतजाम निगम प्रशासन ने नही कर रखे हैं। रखरखाव का क्या खर्च है इसका ब्यौरा किसी के पास नहीं है। संबंधित प्रभारी अधिकारी की मानें तो निगम आयुक्त की ओर से अधिकारियों की ओर से किसी भी प्रकार की जानकारी सीधे नहीं देने को पाबंद कर रखा है।

इनका कहना हैचालू वित्तीय वर्ष में डीवीडिंग मशीन के ठेके में गत वित्तीय वर्ष की तुलना में रखरखाव पर कम व्यय होगा। बांडी नदी व आसपास के संकरे नालों में मशीन नहीं चल सकती ऐसे में मैन्युअल सफाई कराई जाएगी।

बृजलता हाड़ा, महापौर, नगर निगम अजमेर।

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आंकड़ों की जुबानी

- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट 23 मार्च 2018 को 1.34 करोड़ में मशीन क्रय

- बीते वित्तीय वर्ष 2022 में सालाना खर्च 1.32 करोड़

- चालू वित्तीय वर्ष 2023 में अनुमानित सालाना खर्च 1.04 करोड़

- डीवीडिंग मशीन का सालाना ठेका 4.53 लाख रुपए

- मशीन के रखरखाव पर मासिक व्यय 2.50 लाख रुपए

- पाथ-वे की सफाई शामिल

- एक वर्ष के लिए 30 सफाई कर्मी

- प्रत्येक सफाई कर्मी का प्रतिमाह भुगतान - 9130 रुपए