
POULTRY FARM : राजस्थान के इस शहर में 300 पोल्ट्री फार्म हो गए बंद
दिनेश कुमार शर्मा
अजमेर.
जिले की मुर्गियां अब सोने का अंडा नहीं दे रही हैं। ऐसे में पोल्ट्री व्यवसाय घाटे का सौदा साबित हो रहा है। जिले के चौथाई पोल्ट्री फार्म पिछले कुछ माह में बंद हो चुके हैं और कुछ बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
अंडों के उत्पादन और सप्लाई के लिए उत्तर भारत में प्रसिद्ध रहा अजमेर का पोल्ट्री व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है। घाटे को देख करीब 300 व्यापारियों ने पोल्ट्री फार्म बंद कर दिए हैं। लगभग इतने ही पोल्ट्री फार्म और बंद होने की स्थिति में हैं। इसके पीछे बड़ा कारण खर्चा अधिक होना और अंडों की मांग कम होना माना जा रहा है।
READ MORE : मुर्गी पालन का प्रशिक्षण 3 जनवरी से
महंगाई की मार
मुर्गियों की खाद्य सामग्री महंगी होने और अंडों की कीमत भी नहीं निकल पाने से पोल्ट्री फार्म संचालकों के लिए मुर्गीपालन मुश्किल हो गया है।
उनका कहना है कि मुर्गियों के लिए मक्का 20 रुपए किलो, सोयाबीन 38, चावल की चापड़ 16-18, बाजरा 18 से 20 और मूंगफली की खल 23 रुपए किलो मिल रही है। अंडे की उत्पादन लागत 4.50 रुपए आ रही है, वहीं इसकी बिक्री भी लगभग 4.50 रुपए में ही हो रही है।
READ MORE : फिर बदली अजमेर जिले में पंचायत चुनाव की तिथियां
जिले में पोल्ट्री फार्म
जिले में ब्यावर के आस-पास करीब 250 पोल्ट्री फार्म हैं। इसके अलावा केकड़ी और सरवाड़ क्षेत्र में भी पोल्ट्री फार्म हैं। अजमेर शहर में माकड़वाली, रसूलपुरा, गगवाना, ऊंटडा, गेगल और कायमपुरा क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म हैं।
अजमेर से सप्लाई अजमेर से करीब 20 लाख अंडे प्रतिदिन सप्लाई होते हैं। इनमें अधिकांश सप्लाई यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश आदि प्रांतों में होती है। उत्पादन के करीब 10 फीसदी अंडे की ही जिले में खपत होती है।
सरकार दे संजीवनी
तेलंगाना की तरह मक्का पर अनुदान दिया जाए
कर्ज मिलने के एक साल बाद किस्त ली जाए
अंडे के पौष्टिक होने को लेकर हो प्रचार-प्रसार
गेगल, ऊंटड़ा, रामसर, नसीराबाद, ब्यावर, माकड़वाली, अरड़का क्षेत्र में अधिकांश पोल्ट्री फार्म बंद हो चुके हैं। अन्य भी बेहद घाटे में संचालित हो रहे हैं। सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।
सलीम, संचालक, पोल्ट्री फार्म
READ MORE : CFC : गोटा कामगारों को एक दशक बाद जगी राहत की आस
पोल्ट्री फार्म में बीमारी से बचाव के लिए प्रबंधन रखें, फीड अच्छी गुणवत्ता का दें। अधिकाधिक उत्पादन कर लागत कम करने का प्रयास करें।
डॉ. आलोक खरे, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी
Updated on:
02 Jan 2020 10:36 pm
Published on:
02 Jan 2020 09:49 pm
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
