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सुरेश लालवानी/अजमेर।
मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को अंतत: 308 नए कनिष्ठ लिपिक मिल गए हैं। पदों पर भर्ती की बदौलत अब राजस्व के मामले में प्रदेश के सबसे बड़े विभाग के कामकाज में तेजी आ पाएगी। सम्पत्तियों अथवा अन्य दस्तावेजों को पंजीकृत करने वाले पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में पिछले कई वर्षों से कनिष्ठ लिपिक के अनेक पद खाली चल रहे थे।
इस कारण विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा था। राज्य सरकार को अनेक बार अनुशंसा के बावजूद रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही थी। वर्ष-2013 बैच से मिले लिपिक राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2013 में लगभग 7 हजार कनिष्ठ लिपिक भर्ती की अधिसूचना जारी की थी। विवादों के कारण पहली बार ली गई लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई और दुबारा नए सिरे से आयोजित की गई।
आयोग की ओर से इसका परिणाम जारी करने के बाद राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में खाली पड़े कनिष्ठ लिपिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके तहत इसी बैच से पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को भी 308 मंत्रालयिक कर्मचारी आवंटित किए गए। विभाग की ओर से सूची में आवंटित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भिजवाए जा रहे हैं।
अभी है स्टाफ कम
पंजीयन मुद्रांक विभाग में लगातार सेवानिवृत्तियों के चलते स्टाफ कम हो गया था। पूरे राजस्थान में इस भवनों और सम्पत्तियों के पंजीयन में खासी दिक्कतें हो रही थीं। इसके चलते विभाग ने कई बार सरकार को पत्र भेजे। आरपीएससी के माध्यम के वर्ष 2013 में कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा कराई गई। लेकिन पेपर आउट सहित कई घटनाओं के चलते लिपिकों की भर्ती में विलम्ब होता रहा। पिछले साल दिसम्बर में कनिष्ठ लिपिकों का पदस्थापन शुरू हुआ है।
विभाग में कनिष्ठ लिपिक के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित परीक्षा और परिणाम के बाद 308 पद भरने के लिए मंत्रालयिक कर्मियों का आवंटन किया गया है। सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन कार्य चल रहा है इसी माह नियुक्ति दे दी जाएगी।
-डॉ. राजेश शर्मा, महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग
Published on:
04 Mar 2018 10:00 am
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