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बांडी नदी के अतिक्रमियों को नोटिस जारी करने की तैयारी में एडीए

60 अतिक्रमी हो चुके हैं चिन्हित,आयुक्त ने दी मंजूरी बांडी नदी की मौत

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अजमेर.बांडी नदी Bandi river में कब्जा कर बहुमंजिली पक्के मकान,टेंट गोदाम,धार्मिक स्थल,कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट, मकान व दुकान फैक्ट्री,पोल्ट्रीफार्म,पुलिया,चारदीवारी,बाडे व अन्य कच्चे व पक्के अवैध निर्माण करने वाले 60 अतिक्रमियों trespassers को अजमेर विकास प्राधिकरण जल्द नोटिसnotice जारी करेगा। प्राधिकरण आयुक्त ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमी अपना पक्ष रख सकेंगे। अतिक्रमी साबित होने की दशा में अतिक्रमण ध्वस्त कर नदी का बहाव क्षेत्र विकसित कर चौपाटी बनाई जाएगी। नदी के बहाव क्षेत्र में आर.के.पुरम कॉलोनी,बोराज,कोटड़ा, ज्ञानविहार में नदी की जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। अधिकतर लोगों ने मकान बनाने के बाद बेच दिए है तो किसे ने किराए पर चढ़ा दिए हैं। संगठित भू-माफिया ने नदी की जमीन पर अतिक्रमण मकान बनाए और सस्ते दामों पर लोगों को बेच दिए। अब ऐसे लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।

दो सागरों को जोड़ती है बांडी नदी

बांडी नदी फॉयसागर से आनासागर तक प्रवाहित होती है जिसमें ग्राम हाथीखेड़ा,बोराज,कोटड़ा एवं थोक तेलियान की भूमि आती है। नदी के दोनों तरफ आबादी बस गई है। कई जगह नदी पर आवाजाही के पुलिया व पक्के रास्ते भी बना लिए गए हैं। बांडी नदी के जरिए फायसागर का पानी बरसात के दिनों में ओवरफ्लो होकर आना सागर में पहुंचता है। इसके अलावा नाग पहाड़ का बरसाती पानी, प्रगति नगर,कोटड़ा था ज्ञान विहार कॉलोनी का बरसाती व नाले का पानी बांडी नदी के जरिए होते हुए आना सागर में पहुंचता है लेकिन अतिक्रमण के कारण बांडी नदी का अस्तित्व ही मिट रहा है। बांडी नदी फॉयसागर से आनासागर तक प्रवाहित होती है इसकी लम्बाई तीन किलोमीटर है।

दूसरा चरण पुष्कर फीडर की तरह

स्मार्ट सिटी के तहत बांडी नदी को विकसित करते हुए इसके किनारे चौपाटी बनाई जाएगी। प्रथम चरण में इसके लिए 7 करोड़ रुपए मंजूर किए गए है। जबकि दूसरे चरण के लिए 10 करोड़ की डीपीआर तैयार की जा रही है। दूसरे चरण में बांडी नदी का विकास पुष्कर फीडर की तरह होगा। इसके दोनो किनारों पर तीन-तीन मीटर चौड़ाई में चौपाटी विकसित की जाएगी।

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