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इनके कारनामे के आगे सब फेल, कमाल का है इनका गणित

इससे इसका मूल स्वरूप बिगड़ गया है। लाइटें कहीं पीली तो कहीं सफेद हैं।

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public lights in ajmer

public lights in ajmer

भूपेन्द्र सिंह/अजमेर.

अजमेर विकास प्राधिकरण में कुर्सी बदली, लेकिन अफसरों की कार्यशैली में सुधार नजर नहीं आया। ऐसा ही मामला सामने आया है प्राधिकरण की योजनाओं में रोड लाइटों तथा पार्क व स्मारकों पर लगी लाइटों के मेंटीनेंस तथा भुगतान का। बड़ी संख्या में लाइटें गायब हैं पोल पर खाली एंगल लगे हुए हैं।

लाइटों के गायब होने का मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (परिवाद संख्या 101/2018) में दर्ज है। एसीबी मुख्यालय ने इसकी रिपेार्ट भी अजमेर से तलब की है, लेकिन प्राधिकरण के सहायक अभियंता दशरथ यादव, जेईएन अवतार सिंह तथा विजय कुमार ने गिनती पूरी कर रिपोर्ट पेश कर दी है। हालांकि इस गणना में भी सामने आया है कि एडीए की कुल 9580 लाइटों में से 732 बंद पड़ी हैं। यह कुल लाइटों का 7.64 प्रतिशत है। पंचशील डीमार्ट रोड की 19 में से 19 लाइटें केबल की समस्या के कारण जबकि मेयो लिंक रोड की 42 में से 42 लाइट सप्लाई की समस्या के कारण बंद हैं। बीएसयूपी क्वार्टर की 45 में से 11 लाइट बंद हैं।
स्मारकों पर अंधेरा

एडीए अभियंताओं व ठेकेदारों की लापरवाही के कारण एडीए के स्मारक अंधेरे में हैं। स्मारकों की 337 में 132 लाइट यानी की करीब 40 फीसदी लाइट बंद हैं। झलकारी बाई स्मारक की 113 में 75 लाइट केबल में समस्या के कारण बंद पड़ी हैं। पृथ्वीराज स्मारक की 57 में 21, दाहरसेन स्मारक की 73 में 18 तथा खेल मैदान की 32 में 11 लाइट बंद पड़ी हैं।

सिर्फ नाम का मेंटीनेंस

करीब तीन माह पूर्व एडीए लाइटों के मेंटीनेंस का ठेका 1.50 करोड़ रुपए में गुप्ता इलेक्ट्रिकल्स को दिया गया, लेकिन मेंटीनेंस के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। नियम कायदे ताक पर रखकर एक ही सडक़ पर कहीं छोटी तो कहीं बड़ी लाइट लगाई गई है। इससे इसका मूल स्वरूप बिगड़ गया है। लाइटें कहीं पीली तो कहीं सफेद हैं। अर्थिंग व टाइमर नहीं हैं। लाइट कहीं सीधे पोल पर ही बांध दी गई है तो कहीं पांच फीट पर ही लगा दिया गया है। गौरव पथ पर जुगाड़ के सहारे लाइट जलाई जा रही हैं। ओवरहैड तार डाले गए हैं। लाइटों के लैम्प में कचरा भरा हुआ है। कहीं लाइट गायब है तो कहीं पोल ही गायब हैं तो कई जगहों पर यह आड़े-तिरछे लगे हुए हैं। फुटपाथ पर तार व पैनल बॉक्स खुले पड़े हैं। इनसे कभी भी दुर्घटना हो सकती है।

कहीं गुल तो कहीं दिन में भी उजाला

महाराणा प्रताप नगर, कोटड़ा, हरिभाऊ उपाध्याय नगर, सीआपीएफ ब्रिज तथा श्रीनगर रोड पर एडीए की लाइट दिन में भी जलती रहती हैं। जबकि गौरवपथ (एमपीएस से रीजनल कॉलेज) तक, रीजनल चौपाटी की लाइट, पृथ्वीराज नगर तथा बीएसयूपी क्वार्टर की लाइट बंद हैं। पूर्व में ठेकेदार द्वारा अनियमित/डायरेक्ट संचालन से पैनल, वोल्ट मीटरी, एमसीबी तार व अन्य सामान जला था एडीए अभियंता अब नए ठेकेदार पर मेहरबानी दिखाते हुए भुगतान की तैयारी में लगे हुए हैं। इन्फ्रारेड टाइमर की जगह चायनीज घडिय़ां लगी हुई हैं। आइटम बदल दिए गए। इसकी रिकवरी निकालना तो दूर अब बिल भुगतान किया जा रहा है।