
ajmer dargah
अजमेर. ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में मंदिर को लेकर लगाई गई याचिका पर अल्पसंख्यक मंत्रालय, एएसआई और दरगाह कमेटी को 20 दिसम्बर को अदालत में जवाब देना है। दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम नदीम अहमद और एएसआई के स्तर पर मुख्यालय जवाब तैयार करने में जुटे हैं।
अदालत ने पिछले दिनों ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर को ‘भगवान संकट मोचन महादेव विराजमान मंदिर’ घोषित कराने के मामले में दायर वाद में विपक्षीगण को नोटिस जारी किए हैं। प्रकरण की सुनवाई अब 20 दिसम्बर को होगी।
जुटे जवाब तैयार करने में
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के वकील शशि रंजन कुमार सिंह के जरिए अजमेर की अदालत में वाद दायर किया है। अदालत ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी, एएसआई को नोटिस जारी किए हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय के संयुक्त सचिव और कार्यवाहक नाजिम नदीम अहमद और एएसआई के मुख्यालय स्तर पर जवाब तैयार किए जा रहे हैं।
यह किया है दावा...
वाद में मौजूदा दरगाह परिसर में शिव मंदिर, पूजा-अर्चना स्थल व जैन मंदिर होना बताया गया है। इसमें हरविलास शारदा की वर्ष 1911 में लिखित पुस्तक हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रप्टिव में मंदिर होने के प्रमाणों का उल्लेख किया गया है।
दिल्ली की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग
अजमेर. अजमेर दरगाह में मंदिर होने का अदालत में दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक यदुबीरसिंह रावत को पत्र लिखकर दिल्ली की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग की है।पत्र में गुप्ता ने बताया कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने जोधपुर और उदयपुर के कृष्ण मंदिर तोड़कर दिल्ली की जामा मस्जिद की सीढ़ियाें में लगाया था। मूर्तियों के अवशेष वहां मस्जिद में मौजूद हैं।
इसका प्रमाण औरंगजेब नामा में औरंगजेब पर साकी मुस्तक खान द्वारा लिखित पुस्तक ‘मसीर-ई-आलमगीरी’ में किया गया है। इसके अनुसार रविवार (मई 24-25, 1689) को खानजहां बहादुर जोधपुर से मंदिरों को तबाह कर के लौटा। औरंगज़ेब की जीवनी में लिखा हुआ है कि खानजहां के मंदिरों को ध्वस्त करने, लूटने और प्रतिमाओं को विखंडित करने पर बादशाह प्रसन्न हुआ। बैल गाड़ियों से टूटे हुए मूर्तियों के अवशेष दिल्ली भिजवाए गए। मांग की है कि जामा मस्जिद के सर्वेक्षण में मूर्तियों को बाहर निकाल कर पुनः मंदिरों में स्थापित कराया जाना चाहिए।
माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ हो कार्यवाही
अजमेर. सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरू राजस्थान ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह-महादेव मंदिर प्रकरण को लेकर माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि न्यायालय में विचाराधीन दरगाह-महादेव मंदिर प्रकरण से संबंधित वाद के तहत अभद्र टिप्पणियां की गई हैं। जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को वादी, अधिवक्ताओं को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। संयोजक तरुण वर्मा ने कहा किअजयमेरू शहर की शांति, कानून व्यवस्था को नहीं बिगड़ने दिया जाएगा। जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को सतर्क रहते हुए खुफिया एजेंसी को भी अलर्ट करना चाहिए। संघ ने न्यायालय, न्यायाधीश, वादी और अन्य के विरुद्ध अनर्गल बात करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही का निर्णय लिया। डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ.लाल थदानी, राजकुमार चौरसिया, देवेंद्र त्रिपाठी,अशोक शर्मा,विजय कुमार शर्मा, एडवोकेट रवि मेहता, डॉ. रामनिवास शर्मा, रामसिंह उदावत, महावीर कुमावत ने विचार व्यक्त किए।
Updated on:
04 Dec 2024 09:40 am
Published on:
04 Dec 2024 09:29 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
