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‘दरगाह में शिव मंदिर का मामला चाय के प्याले में तूफान जैसा’, अजमेर दरगाह विवाद पर राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान

Ajmer Sharif Shiv Temple Controversy: अजमेर की सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह को लेकर इन दिनों राजस्थान में सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच अब बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने ​बड़ा बयान दिया है।

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Rajendra Rathore

अजमेर। भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर का मामला चाय के प्याले में तूफान जैसा है। अभी संबंधित पक्षों को याचिका पर कोर्ट ने नोटिस दिए हैं। इसका प्रत्युत्तर आने से पहले बातें करना बेमानी है। इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चहिए। राठौड़ ने यह बात रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि दरगाह को लेकर याचिका अभी प्रारंभिक चरण में है। संविधान में सबको अपनी बात रखने और याचिका लगाने का हक है। कोर्ट ने सिर्फ नोटिस देकर दूसरे पक्षों से जवाब मांगा है। उससे पहले किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।

उपचुनाव में दूरी के सवाल पर भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वह पार्टी के साधारण कार्यकर्ता हैं। जितनी जिम्मेदारी दी गई उसका निर्वहन किया। मेरी नाराजगी अथवा प्रचार-प्रसार से दूर रहने की बातें कपोल कल्पित हैं। मंत्रीमंडल विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सीएम के अधिकार का मामला है। वे ही इसका फैसला करेंगे।

कांग्रेस के पास नहीं मुद्दे

कांग्रेस के मुख्य सचिव और ब्यूरोक्रेसी द्वारा अधिकांश फैसले लेने और पर्ची सरकार के आरोप-प्रत्यारोप पर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। सरकार ने जनहित के कई फैसले लिए हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था 38 हजार करोड़ तक पहुंचाने, 125 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन, धर्मांतरण और लव जिहाद रोकने के लिए विधेयक, एक जिला एक उत्पाद जैसे फैसले शानदार हैं।


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13 माह चले थे चुनाव

पंचायती राज चुनाव नहीं कराने के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि सरकार वन स्टेट, वन इलेक्शन को लेकर संकल्पित है। कांग्रेस ने सरपंच से जिला प्रमुख तक 13 माह चुनाव कराए। मैं किसी बोर्ड-निगम अथवा अन्य पद के लिए इच्छुक नहीं हूं।

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