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बांग्लादेशी घुसपैठियों की शरणस्थली बन गया राजस्थान का ये शहर, यह हैं 3 कारण

बिना वीजा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पार कर अजमेर पहुंचे घुसपैठिए यहां अपनी पहचान छुपाकर वर्षों से जमे हैं।

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मनीष कुमार सिंह
अजमेर। दरगाह अन्दर कोट क्षेत्र बांग्लादेशी घुसपैठियों की ‘शरणस्थली’ बन चुका है। बिना वीजा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पार कर अजमेर पहुंचे घुसपैठिए यहां अपनी पहचान छुपाकर वर्षों से जमे हैं। खानाबदोश जिन्दगी बसर कर रहे इन घुसपैठियों के डेरे आबाद होने की बड़ी वजह ‘मुफ्त का खाना’ और ‘मुफ्त की जमीन’ है।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के मामले में संज्ञान लेने पर डीआईजी (अजमेर रेंज) ओमप्रकाश व एसपी वंदिता राणा ने सीओ दरगाह के नेतृत्व में एसटीएफ का गठन किया। इससे पहले एसपी ने दरगाह व गंज थाना पुलिस के जरिए दरगाह अन्दर कोट, लाखन कोटड़ी, लौंगिया और नई सड़क के आसपास के क्षेत्र का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया। सर्वे में 10 हजार लोगों का डेटा बेस तैयार करते हुए इलाके में 200 संदिग्धों को चिन्हित किया जा चुका है।


कार्रवाई का ग्राफ गिरा

पड़ताल में सामने आया कि 2010 से अब तक 254 बांग्लादेशी घुसपैठिए व तीन बच्चे पकड़े जा चुके हैं। इसमें 2010 से 2012 तक तीन साल में 170 को पकड़कर निष्कासित किया। इसके बाद कार्रवाई का ग्राफ गिर गया। बीते तीन साल में महज 6 बांग्लादेशी पकड़े गए। मौजूदा अभियान में डेढ़ महीने में 18 घुसपैठियों को पकड़कर निष्कासन की कार्रवाई की गई।


पहचान के दस्तावेज बनवाए


जानकारी अनुसार बड़ी संख्या में घुसपैठिए दरगाह, तारागढ़ इलाके में ठिकाने बनाकर रह रहे है। उनके राशन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तक बन चुके हैं।

कारण

1. मुफ्त भोजन- दरगाह क्षेत्र में जायरीन लंगर का वितरण करते है। यहां खानाबदोश जीवन बसर करने वालों को मुफ्त में आसानी से भोजन मिल जाता है।

2. मुफ्त आवास-दरगाह अन्दर कोट इलाके में जालियान कब्रिस्तान, अम्बाबाव, नई सड़क, तारागढ़ पैदल मार्ग पर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर बने झोपड़े अब मकान में तब्दील हो चुके हैं।

3.सस्ता रोजगार-बांग्लादेशी घुसपैठियों को दरगाह क्षेत्र में भिक्षावृत्ति के अलावा घरेलू कामकाज, टेंट व्यवसाय और लाइट डेकोरेशन का काम आसानी से मिल जाता है।


साल----------धरपकड़


2010---------58

2011---------48 व एक बच्चा
2012---------64

2013---------19
2014---------03

2015---------12
2016---------02

2017---------08
2018---------07

2019---------07
2020---------02

2021---------00( कोरोना)
2022---------02

2023---------01
2024---------03

2025---------18 और 2 बच्चे (कार्रवाई जारी)
कुल---------254------3 बच्चे

इनका कहना है…

बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए तीन माह में दरगाह अन्दर कोट व आसपास के क्षेत्र में सर्वे कार्य किया गया। दस हजार लोगों को डेटा बेस बनाया। सर्वे के सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं। संदिग्ध के निष्कासन की कार्रवाई जारी है।
लक्षमणराम चौधरी, सीओ दरगाह व एसटीएफ प्रभारी

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