
अजमेर बन सकता है आईटी हब, ताकि बच्चे बाहर का रुख नहीं करें
अजमेर. अजमेर में एमएनसी व आईटी सैक्टर की कोई भी कंपनी नहीं है। यहां स्कूली व स्नातक तक शिक्षा लेने के बाद युवा महानगरों का रुख करते हैं। इस कारण उनके अभिभावक भी साल में कुछ दिन के लिए ही अपने बच्चों से मिल पाते हैं। यह न केवल रोजगार वरन सामाजिक दृष्टि से भी उत्तम होगा कि यदि अजमेर में आईटी हब बने, बहुराष्ट्रीय कंपनियां आएं जिससे रोजगार यहीं मुहैया हो सके। अन्य शहरों की तरह न्यू अजमेर की परिकल्पना पर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही शहर के आधारभूत ढांचे को भी सुदृढ़ बनाने संबंधी सुझाव आए। राजस्थान पत्रिका ने बुधवार को परिचर्चा में उनसे रायशुमारी की।
प्रमुख सुझावाें पर हुई चर्चाबार सदस्य व पूर्व लोक अभियोजक अजय वर्मा का मानना है कि आईटी हब बनने से रोजगार के साधन सभी क्षेत्रों में उपलब्ध होंगे।युवा स्कूली शिक्षा पूर्ण करते ही दूसरे शहर का रुख करने लगता है। शहर में पेयजल संकट दूर करने के लिए स्टोरेज बढ़ना चाहिए जिससे शहर में पानी की समस्या से स्थायी निजात मिल सके। पानी की समस्या हल होने पर कंपनियां भी यहां निवेश करने में रुचि लेंगी।
वकील रचित कच्छावा ने सुझाव दिया कि अजमेर में बहुराष्ट्रीय कम्पनी को लाने के लिए प्रयास हों, ताकि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिल सकें। विशेष कौशल प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। जिससे बेरोजगाली पर लगाम लग सकती है। युवाओं को प्रोफेशनल कोर्स के लिए जयपुर, दिल्ली, मुंबई का रुख करना पड़ता है। योगेश दायमा ने कहा कि शहर के बुनियादी ढांचे में ज्यादा परिवर्तन नहीं किया जा सकता लेकिन मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त की जा सकती हैं। न्यू सिटी की परिकल्पना करते हुए किसी बड़े भाग को विकसित कर आवासीय व व्यावसायिक गतिविधियां विकसित की जा सकती है। परिचर्चा में वकील प्रदीप कुमार, चंद्रशेखर जोशी, फुरकान शेख व रविन्द्र चौहान ने भी सुझाव रखे।
Published on:
04 Oct 2023 11:33 pm
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