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Ajmer Dargah Case: फायरिंग के बाद गरजे हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता, कहा- गोलियों से डरने वाला नहीं…

Firing on Vishnu Gupta: फायरिंग की घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, अजमेर से दिल्ली जाने के दौरान गोली चलने का दावा, बाइक सवार दो युवकों को भागते हुए देखा गया, एसपी और अन्य अफसर पहुंचे

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Firing on Vishnu Gupta

पत्रिका फोटो

Ajmer Dargah case: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर शनिवार सुबह फायरिंग का मामला सामने आया है। फायरिंग के बाद विष्णु गुप्ता ने कहा कि वो गोलियों से डरने वाले नहीं हैं, उन्हें महादेव ने भेजा है और वे अजमेर दरगाह की सच्चाई को दुनिया के सामने लाकर ही रहेंगे।

फायरिंग की घटना के बाद मीडिया से बातचीत में विष्णु गुप्ता ने कहा कि वे दरगाह केस में सुनवाई के चलते अजमेर आए थे। वे रात को अजमेर की ही एक होटल में रुके थे। सुबह करीब पौने छह बजे वे कार से दिल्ली के लिए निकले थे। कार उनका ड्राइवर चला रहा था। उन्होंने कहा कि गगवाना पुलिया के पास अज्ञात बाइक सवार उनके पीछे लग गए। उन्होंने कार पर फायर कर दिया। इसके बाद उन्होंने ड्राइवर को तेजी से गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कहा।

गोली चलाकर भागे बाइक सवार

गुप्ता ने कहा कि जब उन्होंने पीछे देखा तो अज्ञात बाइक सवार भाग गए। उन्होंने कहा कि यह सब एक साजिश के तहत हुआ है। उन्हें डराया जा रहा है। लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि अजमेर दरगाह की सच्चाई सारी दुनिया के सामने आए। धमकियों को लेकर दिल्ली पुलिस को शिकायत की थी। इसके बाद अजमेर में भी जान से मारने की धमकी मिली थी। यहां भी मामला दर्ज कराया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मेरे ऊपर जानलेवा हमला : गुप्ता

उन्होंने कहा कि मैं इन धमकियों और गोलियों से डरने वाला नहीं हूं। हमें महादेव ने भेजा है, दरगाह की सच्चाई सामने लाकर ही रहेंगे। कुछ लोग सोच रहे हैं कि गोली चलाकर हमें अजमेर आने से रोक लेंगे, यह उनकी गलतफहमी है। मैं इस केस को जिम्मेदारी और मजबूती से लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि दो अज्ञात हमलावरों ने मुझे निशाना बनाया था, लेकिन गोली कार के निचले हिस्से में लगी है। यह मेरे ऊपर जानलेवा हमला है।

ये वो ही लोग हैं जो कि नहीं चाहते की अजमेर दरगाह का केस आगे बढ़े और सच्चाई सामने आए कि वह संकट मोचन महादेव मंदिर है। उन्होंने कहा कि रास्ते में उनके साथ कोई पीएसओ नहीं था। वहीं अजमेर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विष्णु गुप्ता ने गोली लगने की बात कही। फिलहाल, अज्ञात बाइक सवारों की पहचान और मामले के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जिस जगह पर फायर होने का दावा किया गया है वहां सीसीटीवी नहीं है। मौके पर एसपी और अन्य अफसर मौजूद रहे।

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छह नई अर्जियां दायर

गौरतलब है कि ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के दावे की सुनवाई शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट पश्चिम की अदालत में हुई। दरगाह प्रकरण में छह नई अर्जियां दायर की गई। अब मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी। वादी ने प्रतिवादी के द्वारा प्रस्तुत वाद खारिज करने की याचिका का जवाब दिया। इसके अलावा प्रकरण में प्रतिवादी पक्ष के तौर पर पक्षकार बनने के लिए 6 प्रार्थना पत्र और पेश किए गए। इन सहित अब तक कुल 11 प्रार्थना पत्र दायर हो चुके हैं।

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सुनवाई टली

पक्षकार बनने के लिए दायर प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की तिथि 1 मार्च तय की गई है। साथ ही अतिरिक्त 6 अर्जियां भी पेश की गई। इनमें टोंक से काशिफ जुबेरी, अजमेर से पीर नफीस चिश्ती मियां, काजी मुनव्वर अली, प्रिंस सेन, आरिफ अली चिश्ती, किशनगढ़ से शेखजादा अजीम मोहमद शामिल हैं। सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु, राजस्थान भी पक्षकार बनने के लिए आवेदन प्रस्तुत करेगा।

दरगाह नहीं वर्शिप एक्ट में

वादी विष्णु गुप्ता ने याचिका खारिज करने के जवाब में कहा कि वर्शिप एक्ट केवल मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे पर लागू होता है। दरगाह और कब्रिस्तान पर यह लागू नहीं होता है। जो पक्षकार प्रतिवादी बनना चाहते हैं वह ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वारिस नहीं हैं। उनकी मृत्यु के बाद 200 वर्षों तक पूजा इत्यादि नहीं की गई।

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