scriptद बर्निंग डिस्कॉम…भयानक आग में निबटे अफसर, इनकी लापरवाही ले डूबी पूरे ऑफिस को | Ajmer discom suspend officers, action in fire case | Patrika News

द बर्निंग डिस्कॉम…भयानक आग में निबटे अफसर, इनकी लापरवाही ले डूबी पूरे ऑफिस को

locationअजमेरPublished: Jul 03, 2018 03:31:34 pm

Submitted by:

raktim tiwari

कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने 13 बिन्दुओं पर सुझाव भी दिए हैं।

fire in discom office

fire in discom office

अजमेर

अजमेर विद्युत वितरण निगम मुख्यालय भवन में हुए अग्निकांड की गाज अब अभियंताओं पर गिरने लगी है। निगम प्रशासन ने सिविल विंग के एईएन सी.के.शर्मा तथा जेईएन कुंज बिहारी उपाध्याय को घटना के लिए लारवाही का जिम्मेदार मानते हुए निलम्बित कर दिया है।
इसके अलावा निगम की सिविल विंग के अधीक्षण अभियंता एम.के.रावत तथा एक्सईएन को चार्जशीट जारी कर जवाब तलब किया है। आग से निगम को डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। आग से निगम के अकाउंट्स शाखा को रिकॉर्ड पूरी तरह जल गया।
इसके साथ ही कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्केनर फाइलें, फर्नीचर नष्ट हो गए। लीगल शाखा के 6 कम्प्यूटर, प्रिटर व स्केनर नष्ट हो गए। दरवाज व फाल सीलिंग आग से नष्ट हो गए। लीगल शाखा को 20 फीसदी रिकॉर्ड भी नष्ट हो गया है। ग्रीवेंस सेक्शन में यूपीएस,कम्यूटर, प्रिंटर तथा स्केनर आग से नष्ट हो गए। सिविल विगं को ही 45 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
यह दिए सुझाव
निगम की ओर से इस मामले में तीन वरिष्ठ अभियंताओं की कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने 13 बिन्दुओं पर सुझाव भी दिए हैं। कमेटी ने भविष्य में इस तरह की पुनरावृति नहीं हो इसके लिए सुझाव भी दिए हैं।
इनमें भवन के प्रत्येक ब्लॉक में एमसीबी लगाने, इन्हें कार्यालय समय के बाद बंद करने, आग लगने की जानकारी देने के लिए हूटर कई जगहों पर तथा उच्च क्षमता का लगाने,भवन की प्रत्येक घंटे में सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा राउंड लिए जाने, रात्रि के दौरान कंट्रोल रूम में निगम का कर्मचारी नियुक्त किए जाने, आग के बाद भवन का नॉन डिस्ट्रेक्टिव टेस्ट करवाने, चूहों व अन्य जानवरों पर रोक लगाने के लिए सिस्टम लगाने, भवन का बीमा करवाने, बचे हुए स्प्रिंकलर को तुरंत चालू करने,समय- समय पर मॉक ड्रिल करने, डोम में एक्सजेस्ट फैन लगाने सहित अन्य सुझाव दिए गए।
कई दफ्तरों में नहीं हूटर

कई सरकारी दफ्तरों में आगजनी या अन्य किसी हादसा होने पर हूटर जैसी व्यवस्था नहीं है। जबकि सरकारी दफ्तरों में फाइलों, कंप्यूटर और पुराने सामान का अम्बार लगा हुआ है। आग या हादसे की स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाना भी मुश्किल है।
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