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अजमेर.
देश भर के विभिन्न एनसीसी निदेशालय से सम्बद्ध एनसीसी कैडेट्स अरावली की पहाडिय़ों पर ट्रेकिंग करेंगी। ट्रेकिंग को दो चरण नवम्बर-दिसम्बर में कराए जा सकते हैं।
एनसीसी निदेशालय राजस्थान और एनसीसी महानिदेशालय के तत्वावधान में प्रतिवर्ष अजमेर में अखिल भारतीय गल्र्स ट्रेकिंग एक्सपीडिशन का आयोजन कराया जा रहा है। यह सिलसिला साल 2010-11 से जारी है। इसमें दो चरणों में देश के विभिन्न हिस्सों से गल्र्स कैडेट्स को बुलाया जाता है। कायड़ विश्रामस्थली पर बेस कैंप बनाया जाता है।
एक्सपीडिशन में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, केरल, सीमांध्र, बिहार, झारखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित मध्य प्रदेश, छतीसगढ, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं राजस्थान की 1 हजार से ज्यादा कैडेट्स एवं एनसीसी अधिकारी भाग लेते हैं। इस दौरान उन्हें ख्वाजा साहब की दरगाह, पुष्कर, सोनीजी की नसियां, पृथ्वीराज चौहान स्मारक, नारेली और तारागढ़ का भ्रमण भी कराया जाता है। शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।
छात्र-छात्राओं को उपाधियां बांटेंगे
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज भी समारोह का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को उपाधियां बांटेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय जल्द कॉलेज में पत्र भेजेगा। साथ ही उपाधियां भी तैयार कर भेजी जाएंगी। ताकि समय रहते कॉलेज विद्यार्थियों को समारोह की सूचना दे सके।
विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की उपाधियों को प्रबंध मंडल और विद्या परिषद से ग्रेस पास कर दीक्षान्त समारोह कराता रहा है। साथ ही विद्यार्थियों की उपाधियां समारोह के बाद कॉलेज में भेजने की परम्परा रही है। कॉलेज भी इन उपाधियों को अलमारी में बंद रखते हैं। छात्र-छात्राओं के कॉलेज आने पर उनसे निर्धारित शुल्क लेकर उपाधियां दी जाती हैं।
कई विद्यार्थी तो दूरदराज इलाकों में नौकरी और व्यावसायिक व्यस्तता के चलते उपाधियां नहीं ले पाते। लिहाजा कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह ने कॉलेज स्तर भी उपाधियां बांटने के निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालय भेजेगा पत्र
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध कॉलेज को उपाधि वितरण समारोह के लिए पत्र भेजेगा। कॉलेज अपनी सुविधानुसार समारोह का आयोजन कर विद्यार्थियों कोउपाधियां बांट सकेंगे। कॉलेज को भी बाकायदा समारोह की अधिसूचना जारी करनी पड़ेगी। ताकि विद्यार्थियों को जानकारी मिल सके। आवश्यकता पडऩे पर छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी कर सकेंगे। अलबत्ता विश्वविद्यालय को उपाधियां तैयार कर समय रहते भेजनी होंगी। ऐसा नहीं होने पर कॉलेज समारोह नहीं कर पाएंगे।
Published on:
26 Sept 2018 09:24 am
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