प्रीती भट्ट/सोनम राणावत /अजमेर. भूत-प्रेत असलियत में होते हैं या नहीं ये बात तो हम नहीं जानते लेकिन अजमेर में एक जगह ऐसी हैं जहां भूत दूध पीने आते हैं। जी हां हम सभी रात में भूत प्रेत का नाम लेने से भी डरते हैं लेकिन अजमेर में एक हलवाई ने अपनी दुकान का नाम ही भूतिया हलवाई रखा है।
शहर में शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो इस नाम से वाकिफ ना हो , एक ऐसी हलवाई की दुकान जिसका नाम यहाँ आने जाने वाले लोगों को एक बार के लिए तो काफी डराता है लेकिन यहां का दूध ,लस्सी व गुलाबजामुन लोग खाने के बाद इसके स्वाद को याद रख कर डर को भूल जाते हैं।
अब आप भी यह पढ़कर सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर इस हलवाई का नाम भूतिया हलवाई कैसे पड़ा तो अब हम आपको इसका राज बताते हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के मथुरा के मूल निवासी लालाजी मूलचंद गुप्ता ने अजमेर के अलवर गेट क्षेत्र में साल 1933 में मिठाइयों की दुकान खोली थी। उस वक्त यह इलाका सुनसान हुआ करता था साथ ही आस-पास दूर दराज तक एक भी दुकान नहीं थी। लोग कहते थे कि रात में इस इलाके में भूतों का डेरा रहता है इसीलिए यहां से थोड़ी दूर स्थित दुकानें भी शाम होते ही बंद हो जाती थीं।पास में एक रेलवे कारखाना था ।

हलवाई लाला जी के बेटे व पोतों ने जानकारी देते हुए बताया कि अंग्रेजों के समय में दुकानें शाम पांच बजे ही बंद हो जाती थी, लोग शाम होते-होते अपने घरों से बाहर नहीं निकलते थे लेकिन लालाजी बेखौफ होकर रातभर अपनी दुकान में बैठे मस्ती से मिठाई बनाते थे । उस समय लोगों का यह डर था कि रात में इस क्षेत्र में भूत आते हैं।
लालाजी के पोते सुनिल गुप्ता का कहना है कि लालाजी रात को दुकान में काम करते थे तो लोग उन्हें भी भूतिया हलवाई कहने लगे साथ ही लोगों में यह भी एक अफवाह है कि रात में यहां भूत आकर दूध पीते थे। आज हलवाई की मौत के कई वर्षों बाद भी उनकी यह दुकान आज इसी नाम से फेमस है ।दूर-दराज से आने वाले पर्यटक भी यहां का मलाई वाला दूध जरूर पीते हैं।